केन्‍या में पैदा होने के चलते उर्जित की आलोचना करना मूर्खतापूर्ण: स्‍वामी

सुब्रह्मण्यम स्‍वामी ने आरबीआई गवर्नर के रूप में उर्जित पटेल की नियुक्ति का स्‍वागत किया है। उनका कहना है कि केन्‍या में पैदा होने के कारण उनकी आलोचना नहीं की जा सकती है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 21 Aug 2016 01:59 AM (IST) Updated:Sun, 21 Aug 2016 07:50 AM (IST)
केन्‍या में पैदा होने के चलते उर्जित की आलोचना करना मूर्खतापूर्ण: स्‍वामी

नई दिल्ली (पीटीआई)। निवर्तमान गवर्नर रघुराम राजन के खिलाफ लगातार हमले करने वाले भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आरबीआइ गवर्नर के रूप में उर्जित पटेल की नियुक्ति का समर्थन किया है। ट्विटर पर फालोअर्स को जवाब देते हुए स्वामी ने कहा कि केन्या में जन्मे होने के कारण पटेल की आलोचना करना मूर्खता होगी। स्वामी ने उम्मीद जताई कि राजन की तरह पटेल तेजतर्रार नहीं होंगे।

उन्होंने यह जवाब उस ट्वीट के सवाल पर दिया था जिसमें पूछा गया था कि पटेल भी यदि राजन की तरह तेजतर्रार हुए तो फिर क्या करेंगे। इस पर स्वामी ने जवाब दिया 'प्रेस्टीट्यूट्स की तरह मूर्ख मत बनो। इस दावे पर कि स्वामी इस नियुक्ति से खुश नहीं हैं, उन्होंने कहा कि यह बकवास है। एक फालोअर ने केन्याई नागरिक होने पर पटेल की आलोचना की तो स्वामी ने कहा कि वह केन्याई नागरिक हैं नहीं बल्कि थे।

रघुराम राजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वो भारत में जन्मे लेकिन उन्होंने 2007 से भारत में रहते हुए अमेरिकी ग्रीन कार्ड को भी जारी रखना पसंद किया।

बता दें, भाजपा सांसद महंगाई थामने के लिए ब्याज दर कम नहीं करने की राजन की नीति के घोर आलोचक रहे हैं।

कौन हैं उर्जित पटेल?

आरबीआई के नए गवर्नर अर्जित पटेल (52) लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक और फिर उन्होंने प्रतिष्ठित येल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। पटेल ने बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ काम कर चुके हैं। भारत की मुद्रास्फीति लक्ष्य और दर-सेटिंग पैनल के प्रमुख सलाहकार रहे हैं।

डॉ. उर्जित आर पटेल ने 7 जनवरी 2013 को भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर का पदभार ग्रहण किया था। पटेल आईडीएफसी लिमिटेड में मुख्य नीति अधिकारी के रूप में कार्य किया। डॉ. पटेल के पास वित्त, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में 17 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने विद्युत मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग, नई दिल्ली में 1998 से 2001 तक वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में एक सलाहकार के रूप में कार्य किया।

1995 से 1997 तक वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से प्रतिनियुक्ति पर भारतीय रिजर्व बैंक के लिए सलाहकार के रूप में सेवा, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार और विदेशी मुद्रा बाजार के विकास पर सलाहकार के रुप में कार्य किया।

डॉ. पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं। इन्होंने गुजरात पेट्रोलियम लिमिटेड और राष्ट्रीय आवास बैंक के निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं। वे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के डायरेक्टर भी रह चुके हैं।

वह 1990 से 1995 के बीच अाईएमएफ के साथ भी काम कर चुके हैं। वहां उन्होंने, अमेरिका, भारत, बहमास और म्यांमार डेस्क संभाली थीं। वह अाईएमएफ से 1996-97 के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में डेप्युटेशन पर आए थे। इसके बाद 1998 से 2001 के बीच वह वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में सलाहकार के तौर पर भी रहे थे।

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