एनआरसी की सूची से बाहर लोगों को देश से निकालना आसान नहीं
जबरन बंग्लादेश भेजना संभव नहीं होगा। स्थानीय जनता जागरुक होगी तभी वह स्वत: वापस जा सकते हैं। इसमें वर्षो लग सकते हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एनआरसी के प्राथमिक कदम के साथ ही सूची से बाहर खड़े लोगों की नागरिकता खत्म करने और उन्हें देश से निकालने को लेकर शोर तो मच गया है, लेकिन यह बहुत जटिल है। पूरी प्रक्रिया से जुड़े लोगों का मानना है कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने के अलावा किसी भी दूसरे कदम में वर्षो लग सकते हैं।
फिलहाल 40 लाख लोग इस सूची से बाहर है। सूत्रों के अनुसार इनमें से कुछ लाख लोग केवल कुछ प्रक्रियात्मक खामियों के कारण बाहर रहे हैं। वह नहीं चाहते हैं कि जब अंतिम ड्राफ्ट आए तो फिर से विवाद हो। ऐसे में लंबी कवायद करनी होगी।
जो आखिर तक दस्तावेज देने में असफल रहेंगे उनसे भी जूझना भारी पड़ेगा क्योंकि वोटिंग अधिकार जाने के बावजूद उनके पास पैन और आधार समेत कई दस्तावेज होंगे। कईयों के पास जमीनें भी होंगी।
सूत्रों का मानना है उन्हें जबरन बंग्लादेश भेजना संभव नहीं होगा। स्थानीय जनता जागरुक होगी तभी वह स्वत: वापस जा सकते हैं। इसमें वर्षो लग सकते हैं।