हिंदुओं की आबादी में कमी है चिंता का विषयः राजराजेश्वराश्रम महाराज
हरिद्वार के संत स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि हिंदुओं की आबादी घटना खतरनाक संकेत है। हिंदू समाज को संगठित होने की आवश्यकता है। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े स्तर पर चलाए जा रहे सेवा कार्यो की सराहना की और कहा कि सेवा करना सबसे कठिन कार्य है।
दिल्ली (जागरण संवाददाता)। हरिद्वार के संत स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि हिंदुओं की आबादी घटना खतरनाक संकेत है। हिंदू समाज को संगठित होने की आवश्यकता है। वह शुक्रवार को अलीपुर इलाके के जीटी करनाल रोड स्थित एक रिसोर्ट में राष्ट्रीय सेवा भारती की ओर से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम की प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे।
शंकराचार्य ने राष्ट्रीय सेवा भारती की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े स्तर पर चलाए जा रहे सेवा कार्यो की सराहना की और कहा कि सेवा करना सबसे कठिन कार्य है। सेवा से ही समाज में समरसता आ सकती है और समरसता से सजगता आती है। आज के नेता केवल वोट के लिए सामाजिक समरसता का नाटक करते हैं। उनके अंत:करण में इसकी पीड़ा नहीं होती है। उन्होंने कहा कि दूसरों की सेवा करने से अहंकार समाप्त होता है। इससे मानव का अंत:करण निर्मल व पावन हो जाता है और जब अंत:करण पवित्र हो जाता है तो परमात्मा का उसमें वास हो जाता है। जिस व्यक्ति के अंदर का अहंकार समाप्त हो जाता है, तो उस व्यक्ति का परमात्मा से साक्षात्कार होता है। उन्होंने कहा कि सेवा करते समय मन में अहंकार की भावना आने पर इसका मूल उद्देश्य समाप्त हो जाता है।
नफरत का कारण भयः सुभाष घई : इस मौके पर प्रसिद्ध फिल्मकार सुभाष घई ने कहा कि मानव जीवन का अर्थ है कि हम दुनिया से क्या लेकर नहीं, बल्कि दुनिया को क्या देकर जाते हैं। हम सभी भारतीयों को अपने क्षेत्र में सेवा कार्य को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा भारती जमीन से जुड़े मुद्दों की चिंता करती करती है। यह बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि दूसरों को देना ही सेवा है और सामाजिक सद्भाव के विकास के लिए सेवा कार्यो की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम एक दूसरे से नफरत करते हैं तो इसका कारण भय है। हिंसा व युद्ध का कारण भय है।
पढ़ेंः ...तो अब बैंडबाजे के साथ राहुल की तलाश में जुटे अमेठी वाले
पढ़ेंः अंबेडकर पर भी सियासत, कांग्रेस-भाजपा शुरू करेंगे अपने अभियान