सरहद पर सैनिक और खेतों में अन्नदाता की जिंदगी को आसान बनाएगा इनोवेटिव मोजा

मैंने उन किसानों को देखा, जो गर्म रेत पर चलने को मजबूर हैं। कुछ देर तक वे इसे सह लेते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उनके पैर गर्म होने से उन्हें काम करने में काफी कठिनाई होने लगती है।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Mon, 12 Mar 2018 01:08 PM (IST) Updated:Mon, 12 Mar 2018 01:21 PM (IST)
सरहद पर सैनिक और खेतों में अन्नदाता की जिंदगी को आसान बनाएगा इनोवेटिव मोजा
सरहद पर सैनिक और खेतों में अन्नदाता की जिंदगी को आसान बनाएगा इनोवेटिव मोजा

भोपाल (विकास तिवारी)। सरहद पर खड़े सैनिक और देश के लिए अन्नदाता की जिंदगी को आसान बनाने के लिए भोपाल के इंजीनियरिंग छात्र कुमार अमन ने एक ऐसा इनोवेटिव मोजा तैयार करने का दावा किया है, जो उन्हें गर्मी से राहत देगा। यह मोजा तेज गर्मी में शरीर के तापमान को कम करेगा। मोजा खासतौर पर बेहद गर्म इलाकों में काम कर रहे किसानों और सैनिकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इनोवेटिव मोजे का पेटेंट अप्रुवल इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवांस रिसर्च इन साइंस एंड इंजीनियरिंग (आइजेएआरएसइ) नई दिल्ली से भी मिल गया है।

अमन ने बताया कि रेगिस्तानी इलाकों या फिर तेज गर्मी वाले क्षेत्रों में मौसम की वजह से कई काम प्रभावित होते हैं। खासतौर पर सैनिक और किसान विपरीत मौसम का सामना करते हुए काम करते हैं। मैं एक बार गुजरात के कुछ गर्म इलाकों में गया था। मैंने उन किसानों को देखा, जो गर्म रेत पर चलने को मजबूर हैं। कुछ देर तक वे इसे सह लेते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उनके पैर गर्म होने से उन्हें काम करने में काफी कठिनाई होने लगती है। उनकी मुश्किलों को देखकर मुङो इस काम की प्रेरणा मिली। लिहाजा, इस दिशा में शोध करना शुरू कर दिया।

पांच अलग-अलग चीजों को मिलाकर बनाया

अमन के मुताबिक इनोवेटिव मोजा गर्म क्षेत्रों में लोगों के शरीर का तापमान पांच से छह डिग्री तक कम सकता है। इसका बड़ा फायदा यह है कि इससे गर्मी से शरीर कम प्रभावित होगा। इसमें पांच अलग-अलग तरह की सामग्री का उपयोग किया गया है। यह मोजा स्पेशलाइज्ड पॉलीथिन, कॉटन वॉइल, कॉटन लॉन, लिट और लीनेन का उपयोग कर बनाया गया है। इनके मिश्रण से मोजा हल्का भी हो गया है। एक जोड़ी की लागत 400 से 500 रुपये आएगी।

इस तरह करता है काम

इनोवेटिव मोजा शरीर द्वारा उत्पन्न इंफ्रारेड रेडिएशन को सोख कर उसे पर्यावरण में रिलीज कर देता है, जिससे शरीर का तापमान कम हो जाता है। इंफ्रारेड रेडिएशन ऊपर से नीचे की ओर रुख करती हैं। ये मोजे पैरों का पसीना भी सोख लेंगे। दूसरे किस्म के मोजे जहां वाष्पीकरण नहीं कर पाते हैं, यह मोजा वाष्पीकरण भी कर सकेगा। इस मोजे की वजह से इंफ्रारेड रेडिएशन शरीर के अंदर नहीं आ पाएगा। यह प्रक्रिया पैरों को आराम देने के साथ-साथ ठंडक भी पहुंचाएगी। पैरों की ठंडक पूरे शरीर को राहत देगी। मटेरियल साइंस पर युवा कई इनोवेशन कर रहे हैं। मटेरियल साइंस ने हमारी जिंदगी को काफी सुलभ बनाया है। मुझे उम्मीद है कि यह शोध समाज के लिए उपयोगी साबित होगा।

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