विदेश में फंसे भारतीयों को स्‍वदेश लाने का 7 मई से शुरू होगा अभियान, जानें क्‍या होंगे नियम

विदेश में रह रहे भारतीयों को 7 मई से चरणबद्ध तरीके से वापस लाया जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 04 May 2020 06:46 PM (IST) Updated:Mon, 04 May 2020 11:05 PM (IST)
विदेश में फंसे भारतीयों को स्‍वदेश लाने का 7 मई से शुरू होगा अभियान, जानें क्‍या होंगे नियम
विदेश में फंसे भारतीयों को स्‍वदेश लाने का 7 मई से शुरू होगा अभियान, जानें क्‍या होंगे नियम

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोविड-19 की वजह से विदेशी जमीन पर फंसे भारतीयों को निकालने का एक बड़ा अभियान गुरुवार से होने जा रहा है। विदेश मंत्रालय दुनिया भर में फैले अपने दूतावासों व मिशनों के साथ मिल कर इस अभियान को अंजाम देगा जिसमें जरुरत पड़ने पर तीनों सेनाओं की मदद भी ली जाएगी। हवाई जहाजों के साथ ही नौसेना के जहाजों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इस सुविधा का इस्तेमाल करने वाले भारतीयों से शुल्क वसूला जाएगा और उन्हें स्वदेश आने पर 14 दिनों तक क्वारंटीन में भी रहना होगा और इन्हें कड़े नियमों का भी पालन करना होगा।

हवाई जहाजों के साथ नौसेना के जहाजों का भी होगा इस्तेमाल

सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक विदेशों से भारतीयों को स्वदेश लाये जाने की प्रक्रिया को लेकर एक प्रोटोकोल तैयार किया गया है। इसके मुताबिक सबसे पहले स्वदेश लाये जाने वाले नागरिकों को विदेश में भारतीय मिशनों में पंजीयन कराना होगा। सभी को भुगतान के आधार पर सुविधा दी जाएगी। हवाई मार्ग से लाने के लिए विशेष विमान उपलब्ध कराए जाएंगे। जिन यात्रियों में कोविड-19 से संक्रमित होने की कोई निशानी नहीं होगी, उन्हें ही स्वदेश आने की अनुमति मिलेगी। उड़ाने चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएंगी।

देना होगा किराया, वापस लौटने पर 14 दिनों तक रहना होगा क्वारंटीन में

हर यात्री को एक प्रोटोकोल का पालन करना होगा। हेल्थ प्रोटोकोल अलग से स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किया जाएगा।गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बाद हर यात्री को आरोग्य एप के तहत पंजीयन करना होगा। सभी की मेडिकल स्क्रीनिंग होगी। इसके बाद इन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटीन में रहना होगा। इसके लिए अस्पतालों में व्यवस्था की जाएगी या भुगतान आधार पर राज्य सरकार की तरफ से स्थापित सुविधा केंद्र में क्वारंटीन में रहना होगा।

14 दिनों के बाद सभी का कोविड-19 वायरस का टेस्ट होगा और उसमें निगेटिव आने के बाद ही उन्हें बाहर जाने की अनुमति मिलेगी। विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से इस बारे में जल्द ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये जाएंगे। राज्य सरकारों से इस बारे में आग्रह किया गया है कि वे इस बारे में आगे तैयारी करें।

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