Indian Railways: तेलंगाना के एक रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में लगी आग, कारणों का अभी तक नहीं चला पता

दक्षिण मध्य रेलवे के सीपीआरओ सीपी राकेश ने बताया कि स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के 10 कोचों में से 2 में आग लग गई। आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Tue, 03 Nov 2020 05:15 PM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2020 05:15 PM (IST)
Indian Railways: तेलंगाना के एक रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में लगी आग, कारणों का अभी तक नहीं चला पता
तेलंगाना के मेडचल रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में लगी आग

हैदराबाद, एएनआइ। तेलंगाना के मेडचल रेलवे स्टेशन पर खड़ी दो रेल डिब्बों में आग लग गई। दक्षिण मध्य रेलवे के सीपीआरओ सीपी राकेश ने बताया कि स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के 10 कोचों में से 2 में आग लग गई। आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।

तस्वीरों से साफ दिख रहा है स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में आग बहुत भीषण लगी है। जिन डिब्बों में आग लगी है उसके अंदर की सीटों और डिब्बे की इलेक्ट्रिक वायरिंग जलने की संभावना भी है।

पिछले दिनें मुबंई में एक वातानुकूलित ट्रेन में लग गई थी आग

वहीं, कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के मुंबई सेंट्रल कार शेड में खड़ी एक वातानुकूलित लोकल ट्रेन के पावर कोच में आग लग गई थी। वातानुकूलित ट्रेन के डिब्बे में आग लगने के बाद की दमकल विभाग को सूचित कर दिया गया था और दमकल वाहन घटनास्थल पर पहुंच गये थे। आग से बॉक्स में लगी वायरिंग और इलेक्ट्रॉनिक कैबिनेट जलकर राख हो गए थे।

दो महीने पहले तेलंगाना के श्रीशैलम हाइड्रो पॉवर में आग लगने से नौ लोगों की हुई थी मौत

वहीं, दो महीने पहले यानी 22 अगस्त को तेलंगाना में श्रीशैलम हाइड्रो पॉवर प्लांट में भीषण आग लगने से नौ लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया था कि जिस वक्त हादसा हुआ उस समय प्लांट में 17 कर्मचारी ड्यूटी पर थे। उनमें से आठ कर्मचारी बाहर निकलने में सफल रहे। इनमें से छह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर इस हादसे पर दुख जताया था। 

बता दें कि कृष्णा नदी पर बने इस हाइडल पॉवर प्लांट की क्षमता 900 मेगावाट बिजली उत्पादन का है। इसमें 150 मेगावट की छह यूनिट हैं। इन्हीं में से एक यूनिट में आग लगी थी। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते बिजली उत्पादन पूरी क्षमता के साथ हो रहा था। लेकिन हादसे के बाद बिजली उत्पादन ठप हो गया था।

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