यूक्रेन में रह रहे इस भारतीय डाक्‍टर ने पाल रखे हैं ब्‍लैक पैंथर और जगुआर, अपने पेट्स को छोड़कर इंडिया आने से किया इनकार

यूक्रेन से भारतीयों की निकासी को लेकर जारी अभियान के बीच कई दिलचस्‍प कहानियां भी सामने आ रही हैं। इन्‍हीं कहानियों में से एक स्‍टोरी है डा. गिरिकुमार पाटिल की। जिन्‍होंने अपनी पालतू बड़ी बिल्‍लि‍यों को छोड़कर आने से इनकार कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 07 Mar 2022 06:06 PM (IST) Updated:Tue, 08 Mar 2022 02:26 AM (IST)
यूक्रेन में रह रहे इस भारतीय डाक्‍टर ने पाल रखे हैं ब्‍लैक पैंथर और जगुआर, अपने पेट्स को छोड़कर इंडिया आने से किया इनकार
अपने पालतू जगुआर के साथ डा. गिरिकुमार पाटिल (Photo- ANI)

डोनबास, एएनआइ। यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए चलाया जा रहा 'आपरेशन गंगा' अपने निर्णायक मुकाम पर है। भारत सरकार की ओर से जारी इस अभियान के बीच कुछ दिलचस्‍प कहानियां भी सामने आ रही हैं। इन्‍हीं में एक भारतीय डा. गिरिकुमार पाटिल की कहानी भी है जो अपने पालतू पशुओं के ब‍िना भारत नहीं लौटना चाहते हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सेवेरोडनेत्स्क शहर (Severodonetsk city of Ukraine) में रहने वाले इस भारतीय डाक्टर ने अपनी पालतू बड़ी बिल्लियों- एक ब्लैक पैंथर और जगुआर को साथ लिए बिना यूक्रेन छोड़ने से इनकार कर दिया है।

साल 2007 से यूक्रेन में रह रहे डा. गिरिकुमार पाटिल एक YouTuber और एक इनफ्लूएंसर भी हैं। उन्‍होंने कहा- मैं मूल रूप से आंध्र प्रदेश से हूं। साल 2007 में एमबीबीएस करने के लिए यूक्रेन आया था। मैंने 2014 में अपना कोर्स पूरा किया। साल 2019 से मैं बंगाल टाइगर जैसी बड़ी बिल्लियां पालना चाहता था। अब मेरे पास कुछ बड़ी बिल्लियां हैं। डा. गिरिकुमार पाटिल को यूक्रेन में जगुआर कुमार के नाम से भी जाना जाता है।

डा. गिरिकुमार पाटिल कहते हैं कि मैंने अपने शौक के बारे में कीव चिड़ियाघर से बात की। अपने पालतू जानवर की ओर इशारा करते हुए पाटिल ने कहा कि यह जगुआर असल में एक तेंदुए और एक काले जगुआर के बीच का क्रासब्रीड है और बहुत दुर्लभ है। जगुआर की उम्र 20 महीने है जबकि ब्लैक पैंथर छह महीने का हो चुका है। पाटिल ने अपनी बड़ी बिल्लियों के बिना यूक्रेन छोड़ने से इनकार कर दिया।

उन्‍होंने कहा कि मेरे लिए ये मेरे पालतू जानवर नहीं हैं। मैं इनके साथ पालतू जानवरों की तरह व्यवहार नहीं करता वरन इन्‍हें अपने बच्चों की तरह मानता हूं। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने अपने पालतू जानवरों को साथ ले जाने के बारे में अधिकारियों से बात की है। उनका कहना है कि उन्‍होंने दूतावास को फोन किया लेकिन उचित प्रतिक्रिया नहीं मिली। वैसे पाटिल कोई अकेले नहीं हैं जिन्‍होंने अपने पालतू जानवरों को यूक्रेन में ही छोड़ने से इनकार कर दिया है। इस बारे में पहले भी कुछ रिपोर्टें सामने आ चुकी हैं।

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