Indian Army Day 2020 Special: प्रमुख रेजिमेंट और उनके युद्ध घोष जिससे खौफ खाता है दुश्मन

Indian Army Day 2020 Special भारतीय सेना का गौरवशाली इतिहास उसकी विभिन्न रेजिमेंट्स में बंटा हुआ है। जानें- राजपूत गोरखा डोगरा गढ़वाल जाट मद्रास आदि रेजिमेंट्स के बारे में।

By Amit SinghEdited By: Publish:Wed, 15 Jan 2020 01:51 PM (IST) Updated:Wed, 15 Jan 2020 04:18 PM (IST)
Indian Army Day 2020 Special: प्रमुख रेजिमेंट और उनके युद्ध घोष जिससे खौफ खाता है दुश्मन
Indian Army Day 2020 Special: प्रमुख रेजिमेंट और उनके युद्ध घोष जिससे खौफ खाता है दुश्मन

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Indian Army Day 2020: आज पूरा देश भारतीय सेना की वीरता, अदम्य साहस और शौर्य को सलाम कर रहा है। सेना की कुर्बानियों को याद करते हुए सोशल मीडिया पर लाखों की संख्या में पोस्ट डाले जा रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) विपिन रावत ने भी इस मौके पर सेना के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए उन्हें सैल्यूट किया। प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को ये दिन भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ, फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में मनाया जाता है। इस अवसर पर जाने सेना की विभिन्न रेजिमेंट्स का इतिहास, उनकी स्थापना, प्रतीक चिन्ह (Logo) और उन युद्ध घोष के बारे में जिनसे दुश्मन खौफ खाता है।

असम रेजिमेंट -

• स्थापना : 1941

• आकार : 22 बटालियन

• मुख्यालय : हैप्पी वैली (शिलाँग), मेघालय

• आदर्श वाक्य : “असम विक्रम”

• युद्ध घोष : “राइनो चार्ज”

प्रमुख तथ्य : भारतीय सेना में असम रेजिमेंट, इंफेंट्री रेजिमेंट के तौर पर शामिल है। देशभक्ति के जज्बे से लबरेज उत्तर-पूर्वी भारत के सात राज्यों के युवाओं को मुख्य रूप से इस रेजीमेंट में भर्ती किया जाता है।

बिहार रेजिमेंट -

• स्थापना : 1941

• आकार : 19 बटालियन

• मुख्यालय : दानापुर, बिहार

• आदर्श वाक्य : “करम ही धरम”

• युद्ध घोष : “जय बजरंगबली”

प्रमुख तथ्य : बिहार रेजिमेंट भी भारतीय थल सेना की एक इंफेंट्री रेजिमेंट है। बिहार रेजिमेंट का मुख्यालय दानापुर छावनी है, जो देश की दूसरी सबसे पुरानी सैन्य छावनी है। इसका नाम भले बिहार रेजिमेंट हो, लेकिन इसमें बिहार के अलावा झारखंड, ओडिशा, गुजरात और महाराष्ट्र के होनहार युवाओं को भी भर्ती किया जाता है।

डोगरा रेजिमेंट -

• स्थापना : 1877

• आकार : 19 बटालियन

• मुख्यालय : फैजाबाद, उत्तर प्रदेश

• आदर्श वाक्य : “कर्तव्यं अन्वात्मा”

• युद्ध घोष : “ज्वाला माता की जय”

प्रमुख तथ्य : डोगरा रेजिमेंट भी भारतीय सेना की एक इंफेंट्री युनिट है, जो 17वीं डोगरा रेजिमेंट के रूप में पूर्ववर्ती ब्रिटिश भारतीय सेना का एक भाग थी। रेजिमेंट हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों से डोगरा युवाओं को भर्ती करती है।

सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे : जनरल निर्मल चंदर विज

गढ़वाल राइफल्स -

• स्थापना : 1887

• आकार : 20 बटालियन

• मुख्यालय : लैंसडौन, उत्तराखण्ड

• आदर्श वाक्य : “युद्ध कीर्ति निश्चय”

• युद्ध घोष : “बद्री विशाल की जय”

प्रमुख तथ्य : इस रेजिमेंट में प्रमुख रूप से उत्तराखण्ड के गढ़वाली जाति के युवाओं को भर्ती किया जाता है। गढ़वाल राइफल्स, भारतीय सेना की इंफ्रेंट्री रेजिमेंट है।

सिख रेजिमेंट -

• स्थापना : 1846

• आकार : 19 बटालियन

• मुख्यालय : रामगढ़ कैंट, झारखण्ड

• आदर्श वाक्य : “निश्चय कर अपनी जीत करूँ”

• युद्ध घोष : “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल”

प्रमुख तथ्य : इस रेजिमेंट में ज्यादातर सैन्यकर्मी सिख समुदाय के ही भर्ती किये जाते हैं। किसी भी युद्ध या विषम परिस्थिति में सिख रेजिमेंट का गौरवशाली इतिहास रहा है।

सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे : जनरल बिक्रम सिंह

महार रेजिमेंट -

• स्थापना : 1815

• आकार : 19 बटालियन

• मुख्यालय : सौगौड़, मध्य प्रदेश

• आदर्श वाक्य : “यश सिद्धि”

• युद्ध घोष : “बोलो हिंदुस्तान की जय”

प्रमुख तथ्य : महार रेजिमेंट भारतीय सेना की एक इंफेंट्री रेजिमेंट है। इस रेजिमेंट में मुख्य तौर पर महाराष्ट्र के महार जाति के जोशिले युवाओं को भर्ती किया जाता है।

सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे : जनरल के वी कृष्णा राव

सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे : जनरल कृष्णस्वामी सुंदरजी

गोरखा रेजिमेंट -

• स्थापना : 1815

• मुख्यालय : इस रेजिमेंट के विभिन्न भागों का अलग-अलग मुख्यालय है।

• युद्ध घोष : “जय महाकाली, आयो गोरखाली”

• आदर्श वाक्य : “कायर हुनु भन्दा मर्नु राम्रो”, “शौर्य एवं निष्ठा” तथा “यत्राहम् विजयस्तत्रः”

प्रमुख तथ्य : गोरखा रेजिमेंट भारतीय सेना का प्रमुख हिस्सा है। इस रेजीमेंट में मूल रूप से नेपाली मूल के गोरखा लोगों को शामिल किया जाता है। वर्तमान समय में इस रेजिमेंट के 11 भाग हैं, जिन्हें क्रमशः 1 गोरखा रेजिमेंट, 2 गोरखा रेजिमेंट, 3 गोरखा रेजिमेंट आदि नामों से जाना जाता है।

सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे : जनरल दलबीर सिंह

सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे : जनरल बिपिन रावत (वर्तमान में देश के पहले CDS हैं)

कुमाऊं रेजिमेंट -

• स्थापना : 1813

• आकार : 19 बटालियन

• मुख्यालय : रानीखेत, उत्तराखंड

• आदर्श वाक्य : “पराक्रमो विजयते”

• युद्ध घोष : “कालिका माता की जय, बजरंग बली की जय, दादा किशन की जय और जय जय दुर्गे”

प्रमुख तथ्य : कुमाऊं रेजिमेंट भारतीय सेना की एक इंफेंट्री रेजिमेंट है। इस रेजिमेंट में मुख्य तौर पर कुमाऊं जाति एवं उत्तर भारत की अहीर जाति के लोगों को शामिल किया जाता है।

सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे : जनरल तापेश्वर नारायण रैना

राजपूत रेजिमेंट -

• स्थापना : 1778

• आकार : 20 बटालियन

• मुख्यालय : “फतेहगढ़, उत्तर प्रदेश”

• आदर्श वाक्य : “सर्वत्र विजय”

• युद्ध घोष : “बोल बजरंग बली की जय”

प्रमुख तथ्य : सुनने में भले ऐसा लगे कि इस रेजिमेंट में केवल राजपूत सैनिकों को ही भर्ती किया जाता हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। राजपूत सैनिकों के साथ ही गुर्जर, ब्राह्मण, बंगाली, मुस्लिम, जाट, अहीर, सिख और डोगरा जाति के युवा भी इसका हिस्सा हैं।

सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे : फील्ड मार्शल के एम करियप्पा (जिनके सम्मान में मनाया जाता है सेना दिवस)

सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे : जनरल विजय कुमार सिंह

जाट रेजिमेंट -

• स्थापना : 1795

• आकार : 21 बटालियन

• मुख्यालय : बरेली, उत्तरप्रदेश

• आदर्श वाक्य : “संगठन व वीरता”

• युद्ध घोष : “जाट बलवान जय भगवान”

प्रमुख तथ्य : जाट रेजिमेंट भारतीय सेना की एक इंफेंट्री रेजिमेंट है। ये देश की सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा पदक प्राप्त करने वाली रेजीमेंट है। वर्ष 1839 से 1947 के बीच इस रेजिमेंट ने 41 युद्ध सम्मान प्राप्त किये हैं। इस रेजिमेंट में मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के हिन्दू जाटों की भर्ती की जाती है।

राजपूताना राइफल्स -

• स्थापना : 1775

• आकार : 19 बटालियन

• मुख्यालय : दिल्ली कैंट

• आदर्श वाक्य : “वीर भोग्य वसुन्धरा”

• युद्ध घोष : “राजा रामचन्द्र की जय”

प्रमुख तथ्य : राजपूताना राइफल्स भारतीय सेना की सबसे पुरानी (सीनियर) राइफल रेजिमेंट है| इस रेजिमेंट में सैनिक के रूप में मूल रूप से राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों के राजपूतों की भर्ती की जाती है। स्वतंत्रता प्राप्ति से अब तक यह रेजिमेंट पाकिस्तान के विरुद्ध अनेक लड़ाइयों में हिस्सा ले चुकी है।

मराठा लाइट इंफेंट्री -

• स्थापना : 1768

• आकार : 42 बटालियन

• मुख्यालय : बेलगाम, कर्नाटक

• आदर्श वाक्य : “ड्यूटी, ऑनर, करेज”

• युद्ध घोष : “बोल छत्रपति शिवाजी महाराज की जय, तेमलाइ माता की जय”

प्रमुख तथ्य : इस रेजिमेंट में मूल रूप से महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के कुर्ग क्षेत्र के मराठी भाषी युवाओं को भर्ती किया जाता है। इस रेजिमेंट के सैनिकों को “गणपत” भी कहा जाता है, क्योंकि ये लोग भगवान गणेश की पूजा बहुत धूमधाम से करते हैं।

सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे : जनरल जोगिंदर जसवंत सिंह

पंजाब रेजिमेंट -

• स्थापना : 1761

• आकार : 19 बटालियन

• मुख्यालय : रामगढ़ कैंट, झारखण्ड

• आदर्श वाक्य : “स्थल वा जल”

• युद्ध घोष : “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” एवं “बोल ज्वाला मां की जय”

प्रमुख तथ्य : पंजाब रेजिमेंट भारतीय सेना की उन सबसे पुरानी रेजीमेंट में से एक है, जो अभी भी सेवारत है और इसने विभिन्न लड़ाइयों व युद्धों में भाग लिया है। रेजिमेंट ने अपने अदम्य साहस और शौर्य के बल पर अनेक सम्मान प्राप्त किये हैं। इस रेजिमेंट में मुख्य रूप से पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के सिख एवं डोगरा जाति के युवाओं की भर्ती होती है। रेजिमेंट की दो बटालियन में अन्य जाति के लोगों को भी भर्ती किया जाता है।

सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे : जनरल प्राण नाथ थापर

मद्रास रेजिमेंट -

• स्थापना : 1758

• आकार : 21 बटालियन

• मुख्यालय : वेलिंग्टन(ऊटी), तमिलनाडु

• आदर्श वाक्य : “स्वधर्मे निधानम श्रेयः”

• युद्ध घोष : “वीर मद्रासी, अडि कोल्लू, अडि कोल्लू”

प्रमुख तथ्य : मद्रास रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे पुरानी इंफेंट्री रेजीमेंट में से एक है। इस रेजिमेंट के अधिकांश सैनिकों का संबंध तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों से है। कन्नड़, तमिल, तेलगू एवं मलयालम भाषियों को इस रेजिमेंट में वरीयता दी जाती है।

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