डब्ल्यूएचओ के कोवैक्स योजना के लिए वैक्सीन की 1.1 अरब डोज तैयार करेगा भारत

भारत ने अब तक दुनिया भर में कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में लगभग 2.3 करोड़ टीकों की आपूर्ति कर चुका है। इसके साथ ही भारत डब्ल्यूएचओ की अगुवाई वाली कोवैक्स योजना के लिए 1 अरब से अधिक खुराकें उपलब्ध कराएगा।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 10:45 AM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 10:45 AM (IST)
डब्ल्यूएचओ के कोवैक्स योजना के लिए वैक्सीन की 1.1 अरब डोज तैयार करेगा भारत
भारत कोवैक्स योजना के लिए 1.1 अरब डोज तैयार करने की क्षमता रखता है।

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत लगातार अपने मित्र देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत ने अब तक कोरोना के टीके की 2.30 करोड़ डोज दुनियाभर में अपने सहयोगी देशों को उपलब्ध करा चुका है। उन्होंने कहा कि भारत डब्ल्यूएचओ की अगुआई वाले कोवैक्स योजना के लिए 1.1 अरब डोज तैयार करने की क्षमता रखता है।

हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान को संबोधित करते हुए श्रृंगला ने कहा कि भारत समावेशी वैश्विक एवं क्षेत्रीय संस्थाओं के समर्थन वाले स्वतंत्र, मुक्त एवं नियम आधारित हिंद प्रशांत का समर्थक है, जो साझे हितों पर आधारित समृद्ध, स्थिर और संप्रभु देशों को प्रोत्साहित करता हो।

उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम का सिद्धांत भारत की सभ्यतागत लोकाचार के केंद्र में है क्योंकि हम एक ब्रह्मांड में विश्वास करते हैं। इसी भावना के साथ भारत ने अब तक मित्र और सहयोगी देशों को कोरोना वैक्सीन की 2.30 करोड़ डोज उपलब्ध कराई हैं।

60 प्रतिशत के साथ भारत दुनिया में वैक्सीन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत ने न सिर्फ देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे को भी पूरा कर रहा है, जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय निर्मित टीकों को मानवता के लिए सस्ती और सुलभ बनाने की बात कही थी।

बता दें कि डब्ल्यूएचओ की अगुआई वाले कोवैक्स योजना का उद्देश्य कोरोना वायरस के टीकों के विकास और निर्माण में तेजी लाना है और दुनिया के हर देश के लिए उचित और न्यायसंगत पहुंच की गारंटी देना है।

श्रृंगला ने कहा कि महामारी के दौरान भारत ने 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाएं और चिकित्सा आपूर्ति प्रदान की। भारत ने संकट के दौरान भारत में बनी हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वाइन और पेरासिटामोल जैसी दवाओं को दुनिया भर में लगाए गए लॉकडाउन से उत्तपन्न चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भेजा

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