S-400 से थर्राए चीन-पाकिस्तान, भारतीय सेना में शामिल होने को तैयार, जानें- खूबियां
Russian-Indian intergovernmental commission on military and technical cooperationअभी एस-400 भारतीय सेना में शामिल नहीं हुआ है लेकिन चीन-पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है।
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल । आज मॉस्को में होने वाली 19वें भारत-रूस इंटरगर्वमेंटल कमिशन ऑन मिलिट्री एंड मिलिट्री टेनिकल कॉपोरेशन Russian-Indian intergovernmental commission on military and technical cooperation की बैठक होनी है। इस बैठक में रूस की एस-400 मिसाइल भारतीय सेना में शामिल होने पर भी चर्चा होगी। यह रूसी मिसाइल अक्टूबर 2020 में शामिल होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समय मॉस्को में हैं। वह इस बैठक में हिस्सा लेंगे। बता दें कि दोनों देशों के बीच एस-400 पर करार अक्टूबर 2018 में हुआ था। यह सौदा करीब 543 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 40 हजार करोड़ रुपये है। भारत की नजर इसी सौदे पर टिकी है।
S-400 की खूबियों से पाकिस्तान और चीन की बेचैनी बढ़ी अभी एस-400 S-400 भारतीय सेना में शामिल नहीं हुआ है, लेकिन चीन और पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है। उनकी यह बेचैनी अनायास नहीं है। इसके खासियत जान कर आप भी दंग रह जाएंगे। भारतीय सेना को इसका बेसब्री से इंतजार है। एस-400 रूसी सेना का रक्षा कवच के रूप में जाना जाता है। अब यह भारत की सेना में शामिल होगा।
माॅस्को में अहम बैठक
मॉस्को की इस बैठक में परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बी अकुला-1 की लीज को लेकर भी चर्चा होगी। तीन बिलियन डॉलर से ज्यादा यानी करीब 21000 करोड़ की इस करार पर दोनों देशों के बीच इस वर्ष के मार्च में करार हुआ था। साथ ही, यह प्रतिनिधिमंडल पारस्परिक सैन्य सामानों की संधि पर भी वार्ता करेगा। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष सेरगी शोइगु इस बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे।