कानून को मुंह चिढ़ा रहीं कहीं गौरक्षा तो कहीं बच्चा चोरी के नाम पर होती हत्याएं

कोर्ट ने मॉब लिंचिंग और गौरक्षा के नाम पर होने वाली हत्याओं को लेकर कहा है कि कोई भी नागरिक कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 17 Jul 2018 04:03 PM (IST) Updated:Tue, 17 Jul 2018 04:24 PM (IST)
कानून को मुंह चिढ़ा रहीं कहीं गौरक्षा तो कहीं बच्चा चोरी के नाम पर होती हत्याएं
कानून को मुंह चिढ़ा रहीं कहीं गौरक्षा तो कहीं बच्चा चोरी के नाम पर होती हत्याएं

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्क]। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने मॉब लिंचिंग और गौरक्षा के नाम पर होने वाली हत्याओं को लेकर कहा है कि कोई भी नागरिक कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता।

डर और अराजकता की स्थिति में राज्य सरकारें सकरात्मक रूप से काम करें। भीड़ की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से 4 हफ्ते में कड़े दिशानिर्देश लागू करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि शांति व्यवस्था और बहुलतावादी समाज को बनाए रखना राज्यों की ज़िम्मेदारी है। सुप्रीम कोर्ट ने संसद से कहा कि इन घटनाओं को रोकने के लिए अगर कोई नया कानून बनाने की जरूरत है, तो बनाया जाए। बता दें कि मॉब लिंचिंग पर अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।

बच्चा चोर के शक में गूगल के इंजीनियर की पीट-पीटकर हत्या
15 जुलाई: बच्चा चोर के शक में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने का एक और मामला सामने आया। कर्नाटक में बीदर जिले के एक गांव में भीड़ ने हैदराबाद निवासी और गूगल में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद आजम उस्मानसाब (28) की हत्या कर दी, जबकि उसके तीन दोस्त घायल हो गए। इस सिलसिले में 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि मोहम्मद आजम अपने तीन दोस्तों के साथ बीदर के हांडीकेरा गांव में अपने दोस्त मोहम्मद बशीर अफरोज से मिलने गया था। वहां, चारों को रोककर पत्थर और डंडों से जमकर पीटा गया। सूचना पाकर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और किसी तरह स्थिति को संभाला। चारों को पुलिस ने हैदराबाद के अस्पताल भिजवाया, लेकिन मोहम्मद आजम की रास्ते में ही मौत हो गई।

महाराष्ट्र: भीड़ ने समझा बच्चा चोर गैंग, पीट-पीटकर पांच लोगों को मार डाला
1 जुलाई: महाराष्ट्र के धुले जनपद में बच्चा चोर गैंग का सदस्य होने के संदेह में ग्रामीणों की उग्र भीड़ ने पांच लोगों को पीट-पीट कर मार डाला। पुलिस ने इस हृदयविदारक घटना के सिलसिले में 15 लोगों को हिरासत में लिया है। धुले के राइनपुर कस्बे में साप्ताहिक बाजार लगा था। तभी वहां दिन में साढ़े ग्यारह बजे के करीब राज्य परिवहन की बस से कुछ लोग उतरे। उनमें से एक बाजार में खड़ी एक बच्ची से कुछ बात करने लगा। यह देखते ही स्थानीय ग्रामीणों ने बस से उतरे लोगों को बच्चा चोर गिरोह का सदस्य समझ पीटना शुरू कर दिया। बाजार में उपस्थित दो पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव की कोशिश की तो उन्हें भी भीड़ के गुस्से का शिकार होना पड़ा। पांच अजनबियों को इतना पीटा गया कि उन सभी की मौके पर ही मौत हो गई। 

व्हाट्सएप का बयान
28 जून: फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सएप ने कहा कि फेक न्यूज और अफवाह फैलाने वाली खबरों पर एक्सपर्ट रिसर्च करें। आपको बता दें कि मैसेजिंग एप पर लगातार फैलाई जा रही अफवाहों को लेकर केंद्र सरकार ने चेतावनी देते हुए नए निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने व्हाट्सएप से फेक मैसेज को चेक करने को कहा है साथ ही इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए भी कहा है।

उधर, मणिपुर में दो अलग-अलग मामलों में भीड़ ने दो लोगों को बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया। पुलिस के मुताबिक स्थानीय लोगों ने दो लोगों को घेर लिया और उनसे पूछताछ की। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें जमकर पीटा। 

गुजरात और मणिपुर में बच्चा चोर समझकर भीड़ ने तीन को बेरहमी से पीटा
26 जून: गुजरात के अहमदाबाद में एक मंदिर के पुजारी ने चिलिया मनु राठवा (30) नाम के एक व्यक्ति को एक बच्ची का अपहरण करते देखा। पुजारी के शोर मचाने पर आरोपित ने भागने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने उसे घेर लिया और बुरी तरह पीटा। बच्ची की मां ने उसके खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई। बुरी तरह घायल आरोपित को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया।

19 जून: यूपी के हापुड़ जिले में गौकशी में लिप्त होने की शक्ल में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई।

बंगाल में मवेशी तस्कर होने के संदेह पर दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या
13 जून: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में मवेशी तस्कर होने के संदेह में वाहन सवार दो युवकों को ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला। घटना धुपगुड़ी ब्लॉक के बारोहालिया गांव में हुई थी। रात करीब डेढ़ बजे गांव जानेवाली सड़क से वाहन के गुजरने पर गांव के लोग मवेशी चोर होने के संदेह पर इकट्ठा हो गए। उसके बाद एक और वाहन को तेजी से आते देख ग्रामीणों ने सड़क पर पत्थर डालकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया। वाहन रुकते ही चालक सहित तीन लोग वाहन छोड़कर भागने लगे। ग्रामीणों ने घेराबंदी कर तीन में दो लोगों को पकड़ लिया। गाड़ी में सात मवेशियों को देखकर ग्रामीणों का शक यकीन में बदल गया। ग्रामीणों ने दोनों युवकों को पीट-पीट कर मरणासन्न कर दिया। सूचना पाकर धुपगुड़ी थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और दोनों को धुपगुड़ी अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

सोशल मीडिया पर फर्जी संदेशों का असर, छह लोग पीटकर मारे
13 जून: महाराष्ट्र में डाकू होने के शक में ग्रामीणों ने लोगों के एक समूह को घेरकर पीटना शुरू कर दिया। पिटाई में दो लोगों की मौत हुई जबकि सात घायल हुए हैं। घटना औरंगाबाद जिले के चांदगांव की है। सोशल मीडिया पर चल रहे झूठे संदेशों के चलते तेलंगाना और असम में भी इसी तरह की घटनाएं होने की जानकारी सामने आई है। पुलिस के अनुसार सोशल मीडिया पर चल रहे एक झूठे संदेश के चलते औरंगाबाद इलाके में तनाव था। संदेश के अनुसार इलाके में डाकुओं का गिरोह आया हुआ था जो मौका देखकर वारदात कर रहा था। अनजान लोगों को देखकर ग्रामीणों में यह शक गहरा गया। इसके बाद आसपास के गांवों के डेढ़ हजार लोगों ने अनजान लोगों के इस समूह को घेर लिया और उनकी लाठी-डंडों से पिटाई शुरू कर दी।

असम में दो संदिग्ध पशु तस्करों की भीड़ ने की हत्या
30 अप्रैल 2017: असम में भीड़ ने दो संदिग्ध पशु तस्करों की गुरुवार को पीट-पीट कर हत्या कर दी। घटना नागांव इलाके की है। आला पुलिस अधिकारियों की मानें तो 20-25 साल के दो लोगों को भीड़ ने इतना पीटा कि उनकी मौत हो गई। लोगों का आरोप है कि वे गाय चोरी करके ले जा रहे थे।  

11 राज्यों में फैली अफवाह
बच्चा चोरी के शक के मामले की शुरुआत झारखंड से हुई थी जब सात लोगों को भीड़ ने बच्चा चोर समझकर तब तक मारा जब तक वह मर नहीं गए। यह हमला उनपर तब हुआ जब सोशल मीडिया पर बच्चे को अपहरण करने वाले एक गैंग के मोहल्ले में आने की अफवाह फैली हुई थी। इसके बाद बच्चा चोर समझ निर्दोषों के मारे जाने सिलसिला ही चल पड़ा और एक के बाद एक 11 राज्यों से बच्चा चोरी के मामले में निर्दोष लोगों के मारे जाने की घटना सामने आई है। इसके बाद भी देश में लगातार ऐसे मामले बढ़ते रहे।

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