चीन पर नजर रखने के लिए भारत ने खरीदे चार खुफिया विमान

हिंद महासागर में पनडुब्बियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारत ने चार अतिरिक्त जासूसी विमान खरीदने के लिए अमेरिका से1 अरब डॉलर का सौदा किया है।

By kishor joshiEdited By: Publish:Wed, 27 Jul 2016 11:40 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jul 2016 06:45 AM (IST)
चीन पर नजर रखने के लिए भारत ने खरीदे चार खुफिया विमान

नई दिल्ली (रायटर/प्रेट्र)। भारत ने अमेरिका की प्रमुख रक्षा कंपनी बोइंग से चार अतिरिक्त जासूसी विमान 'पोसिडोन-8आइ' खरीदने के लिए एक अरब डॉलर का सौदा किया है। लंबी दूरी का यह निगरानी विमान पनडुब्बी ध्वस्त करने वाला युद्धक विमान भी है। इस सौदे का मकसद हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों की निगरानी करना है।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि हिंद महासागर में पनडुब्बियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारत ने पहले ही लंबी दूरी की क्षमता वाले आठ पी-8आइ विमान तैनात कर रखे हैं। आज हुए सौदे के चार विमानों के अगले तीन साल में सेवा में आने की उम्मीद है।

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भारत में बोइंग डिफेंस की प्रवक्ता अमृता ढींढसा ने कहा कि यह विमान न सिर्फ निगरानी के काम आएंगे बल्कि इन्हें पनडुब्बियों को मार गिराने के लिए हारपून मिसाइलों से भी लैस किया गया है। इसके अलावा विमान में हल्के तारपीडो, रॉकेट आदि भी हैं। इस विमान की उपलब्धता के साथ भारतीय नौसेना अब समुद्र में पैराशूट गिराकर भी निगरानी और लापता विमानों का खोजी अभियान कर सकेगी। फिलहाल भारतीय वायुसेना छोटे पैराशूट गिराकर लापता विमान एनएन32 की तलाश कर रही है।

उल्लेखनीय है कि चीन के नौसेना के विस्तार और सुदूर स्थानों में अपनी पनडुब्बियों को भेजने के चलते भारत भी अपनी नौसैनिक निगरानी क्षमता को बढ़ा रहा है। दरअसल चीन ने समूचे हिंद महासागर में अपनी दखलंदाजी बढ़ा दी है। उसने परमाणु हथियारों से लैस नौका श्रीलंका के डौक में स्थापित की है।

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रक्षा और औद्योगिक क्षेत्र के सूत्रों के अनुसार बुधवार को ही इस सौदे के करार पर दस्तखत किए गए हैं। इस पर दस्तखत अमेरिकी उप रक्षा मंत्री फ्रैंक कैंडल ने किए। यह करार पहले ही भारत लाए गए आठ पी-8आइ विमानों की खेंप की दूसरी कड़ी है। तब भारत ने अमेरिकी कंपनी से यह सौदा 2.1 अरब डॉलर में किया था। भारत ने पिछले साल ही अमेरिका के साथ 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदे गए थे। दोनों देशों के बीच कुल 3 अरब डॉलर का सौदा हुआ था। बुधवार को हुए सौदे को मिलाकर पिछले एक दशक में करीब 15 अरब डॉलर का रक्षा सौदा हुआ है।

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