BrahMos Missile: भारत फिलीपींस को आज सौंपेगा ब्रह्मोस मिसाइलों का पहला सेट, 2022 में दोनों देशों के बीच हुआ था समझौता

भारत फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का पहला सेट देने के लिए तैयार है। यह खेप शुक्रवार को सौंपी जाएगी। वर्ष 2022 में दोनों देशों के बीच 37.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। फिलीपींस ऐसे समय में मिसाइल प्रणालियों की डिलीवरी ले रहा है जब दक्षिण चीन सागर में लगातार झड़पों के कारण उनके और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है।

By AgencyEdited By: Sonu Gupta Publish:Fri, 19 Apr 2024 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2024 06:00 AM (IST)
BrahMos Missile: भारत फिलीपींस को आज सौंपेगा ब्रह्मोस मिसाइलों का पहला सेट, 2022 में दोनों देशों के बीच हुआ था समझौता
भारत फिलीपींस को आज सौंपेगा ब्रह्मोस मिसाइलों का पहला सेट। फाइल फोटो।

HighLights

  • 2022 में दोनों देशों के बीच 37.5 करोड़ अमेरिकी डालर में हुआ था समझौता
  • फिलीपींस चीन से बढ़े तनाव के बीच ले रहा मिसाइल प्रणालियों की डिलीवरी

एएनआई, नई दिल्ली। BrahMos Supersonic Cruise Missiles: भारत फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का पहला सेट देने के लिए तैयार है। यह खेप शुक्रवार को सौंपी जाएगी। वर्ष 2022 में दोनों देशों के बीच 37.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भारतीय वायु सेना सी-17 ग्लोबमास्टर से करेगी शिपिंग

रक्षा सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायु सेना फिलीपींस मरीन कॉर्प्स को हथियार प्रणाली पहुंचाने के लिए मिसाइलों के साथ अपने अमेरिकी मूल के सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान को फिलीपींस भेज रही है। उन्होंने कहा कि मिसाइलों के साथ-साथ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली के लिए ग्राउंड सिस्टम का निर्यात पिछले महीने ही शुरू हुआ था।

चीन के साथ बढ़ रहा फिलीपींस का तनाव

फिलीपींस ऐसे समय में मिसाइल प्रणालियों की डिलीवरी ले रहा है जब दक्षिण चीन सागर में लगातार झड़पों के कारण उनके और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की तीन बैटरियों को क्षेत्र में किसी भी खतरे से बचाने के लिए फिलीपींस द्वारा अपने तटीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।

भारत और रूस ने एक साथ मिलकर किया है निर्माण 

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशिनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जिसे दुनिया के सबसे सफल मिसाइल प्रोग्राम में से एक कहा जाता है।

वैश्विक स्तर पर सबसे अग्रणी और सबसे तेज सटीक-निर्देशित हथियार के रूप में ब्रह्मोस ने भारत की निवारक क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय सेना ने 2007 से कई ब्रह्मोस रेजिमेंटों को अपने शस्त्रागार में एकीकृत किया है।

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