World Drug Report 2022: सख्ती के बाद भी बढ़ता जा रहा नशे का धंधा, महिलाएं भी हो रही शिकार
World Drug Report 2022 नशे के बढ़ते कारोबार पर भारत समेत विभिन्न देशों की सरकारों के स्तर पर सतर्कता भी बढ़ाई गई है। 2020 में पहली बार भारत ने डार्क वेब पर नशे का धंधा करने वाले एक इंटरनेशनल क्रिमिनल नेटवर्क को ध्वस्त करने की जानकारी दी थी।
नई दिल्ली, एजेंसी। नशे की लत में पड़े लोगों की संख्या के लिहाज भारत दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से है। अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता के बाद यहां अफीम व अन्य नशीली दवाओं की तस्करी का खतरा भी बढ़ गया है। यूएन आफिस आन ड्रग्स एंड क्राइम्स (यूएनओडीसी) की वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट 2022 में यह बात सामने आई है। इसके मुताबिक, हाल के वर्षो में बड़ी मात्रा में नशीली दवाएं जब्त की गई हैं।
भारत समेत विभिन्न देशों की सरकारों के स्तर पर सतर्कता भी बढ़ाई गई है। 2020 में पहली बार भारत ने डार्क वेब पर नशे का धंधा करने वाले एक इंटरनेशनल क्रिमिनल नेटवर्क को ध्वस्त करने की जानकारी दी थी। हालांकि सख्ती के इन कदमों के बावजूद नशा करने वालों की संख्या दुनियाभर में बढ़ रही है।
समुद्र बन रहा तस्करी का रास्ता
दुनियाभर में 2021 में जितनी भी कोकेन जब्त की गई, उसमें से करीब 90 प्रतिशत को समुद्र के रास्ते लाने का प्रयास किया जा रहा था। उत्तरी अमेरिका व यूरोप को कोकेन का अहम बाजार माना जाता था, लेकिन अब अफ्रीकी व एशियाई देशों में भी इनकी तस्करी बढ़ी है।
महिलाएं भी हो रही हैं नशे का शिकार
ड्रग्स के प्रयोग में वैसे तो महिलाओं की संख्या कम है, लेकिन अब तेजी से महिलाएं नशे की गिरफ्त में आ रही हैं। नशे की चपेट में महिलाओं के आने की दर पुरुषों से ज्यादा है। एंफेटामाइंस और कई मेडिकल दवाओं को नशे की तरह प्रयोग करने वालों में 45 से 49 प्रतिशत तक महिलाएं हैं। ड्रग्स तस्करी करने वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है।
बड़ी मात्र में जब्त हो रही ड्रग्स
फैक्ट फाइल 28.8 करोड़ थी 2020 में दुनियाभर में नशा करने वालों की संख्या। इनकी उम्र 15 से 64 साल के बीच थी। 26% पिछले दशक के मुकाबले नशा करने वालों की संख्या इतनी बढ़ गई है। 1982 टन कोकेन बनाई दुनियाभर में 2020 में। एक साल पहले के मुकाबले 11 प्रतिशत ज्यादा है। 7930 टन अफीम की खेती हुई 2021 में दुनियाभर में। अफगानिस्तान में खेती बढ़ने के कारण 2020 की तुलना में उत्पादन सात प्रतिशत ज्यादा रहा। 1.12 करोड़ लोग इंजेक्शन के माध्यम से नशा करते हैं।