भारत को 1 लाख ड्रोन पायलट की है जरूरत, 12वीं पास व्यक्ति को भी मिलेगा मौका: ज्योतिरादित्य सिंधिया

उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि आने वाले कुछ सालों में भारत को 1 लाख ड्रोन पायलट की है जरूरत। उन्होंने आगे कहा है कि 12वीं पास व्यक्ति भी मिलेगा है ड्रोन पायलट बनने का मौका।

By Piyush KumarEdited By: Publish:Tue, 10 May 2022 05:43 PM (IST) Updated:Tue, 10 May 2022 05:43 PM (IST)
भारत को 1 लाख ड्रोन पायलट की है जरूरत, 12वीं पास व्यक्ति को भी मिलेगा मौका: ज्योतिरादित्य सिंधिया
उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की फाइल फोटो

 नई दिल्ली, पीटीआइ: उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने मंगलवार को कहा कि भारत को आने वाले कुछ सालों में करीब एक लाख ड्रोन पायलटों (Drone Pilots) की जरूरत होगी। मंगलवार को नीति आयोग की तरफ से ड्रोन स्टूडियो अनुभव से जुड़े कार्यक्रम के आयोजन के दौरान सिंधिया ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत दुनिया का ड्रोन हब बन सकता है। उन्होंने कहा कि ड्रोन उद्योग में निवेश व रोजगार दोनों की भारी संभावनाएं हैं। ड्रोन निर्माण के लिए 5,000 करोड़ के निवेश की उम्मीद है जिससे 10,000 रोजगार मिल सकता है। वहीं ड्रोन से जुड़ी सेवाओं के लिए 30,000 करोड़ के उद्योग का सृजन हो सकता है।

किसान ड्रोन पहल से मिलेगा फायदा

सिंधिया ने कहा कि कृषि से लेकर खनन, सुरक्षा व कई अन्य क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र में ड्रोन के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए कई पहल की गई है। किसान ड्रोन पहल से खेत में कीटनाशक के छिड़काव से लेकर फसल के अनुमान लगाने तक में मदद मिलेगी। ड्रोन की मदद से भूमि का सही माप हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार के 12 मंत्रालय फिलहाल देश में ड्रोन सेवाओं की मांग बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ 12वीं पास व्यक्ति को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जा सकता है। इसके लिए कालेज की डिग्री की जरूरत नहीं है। 

तीन चक्कों पर आगे ले जाने की कोशिश

सिंधिया ने कार्यक्रम में कहा, 'हम ड्रोन सेक्टर को तीन पहियों पर आगे बढ़ा रहे हैं। पहला पहिया है नीति, दूसरा प्रोत्साहन का माहौल तैयार करना और तीसरा है घरेलू मांग को बढ़ावा देना। आप देख रहे हैं कि हम कितनी तेजी से नीतियों पर अमल कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव यानी पीएलआइ के जरिये ड्रोन सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

12 वीं पास भी उड़ा सकते हैं ड्रोन

सिंधिया ने बताया कि आज 12वीं पास अभ्यर्थी को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया जा सकता है। किसी कालेज डिग्री की इसके लिए जरूरत नहीं है। केवल दो-तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद कोई अभ्यर्थी ड्रोन पायलट के रूप में काम शुरू कर सकता है और करीब तीस हजार रुपये महीने कमा सकता है।

पीएलआई योजना से मिल रह फायदा

मंत्री ने कहा, 'पीएलआइ' (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजना, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू किया गया है, ड्रोन क्षेत्र में विनिर्माण और सेवाओं को एक नया बढ़ावा देगी। बता दें कि पीएलआइ योजना सितंबर 2021 में पिछले साल 25 अगस्त को मंत्रालय द्वारा जारी उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 के अनुवर्ती के रूप में पेश की गई थी। सिंधिया ने पिछले साल 16 सितंबर को कहा था कि भारतीय ड्रोन उद्योग 2026 तक 15,000 करोड़ रुपये तक का कारोबार करेगा।

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