चेन्नई में 11 से 14 अप्रैल तक डिफेंस एक्सपो, चीन को भी भेजा गया न्यौता
रक्षा मंत्रालय के अनुसार रक्षा प्रदर्शनी समुद्र किनारे आयोजित की जा रही है, और इससे पूर्वी तटीय मार्ग चेन्नई से महाबलेश्वरम सटा हुआ है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत अब अपनी रक्षा क्षेत्र की क्षमता को दुनिया को दिखाने के लिए तैयार है। चेन्नई में 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक भव्य डिफेंस एक्सपो के लिए चीन को भी न्यौता भेजा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एक्सपो का उदघाटन 12 अप्रैल को करेंगे। रक्षा प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए 47 देशों ने हामी भर दी है। चीन को भी शामिल होने का न्यौता भेजा गया है, लेकिन अभी उसने हामी नहीं भरी है। आने वाले दिनों मे और भी देश इस प्रदर्शनी में शामिल हो सकते हैं।
एक्सपो भारत की कई रक्षा प्रणालियों और इसके उपकरणों के निर्माण जिसमें फौज, एयरफोर्स और नेवी के लिए निर्माण और निर्यात की क्षमता पर केंद्रित होगा। डिफेंस एक्सपो 2018 में मुख्य केन्द्र हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड के कई उड़ान के प्लेटफार्म होंगे, जिनमें देश में ही डिजाइन किए गए चौथी जेनरेशन का हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए)- तेजस, एडवांस लाइट हेलिकाप्टर ध्रुव और डोर्नियर सिविलियन एयरक्राफ्ट होंगे।
जमीन पर काम करने वाली रक्षा प्रणालियां भी बड़े स्तर पर प्रदर्शित की जाएंगी, जिनमें 155 एमएम एडवांस आर्टिलरी गन पूरी तरह से एक्सपो में अनावरण के लिए तैयार है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कल्याणी गु्रप, टाटा पावर और ओएफबीएस की साझेदारी से तैयार किया है। यह पहली बार होगा जब भारत अपनी खुद की एटीएजी को प्रदर्शनी में रखेगा। एक्सपो के अन्य आकर्षण में सेना के टैंक एमबीटी अर्जुन, टी90, टी72 और ब्रिज बनाने वाले टैंक (बीएटीज) शामिल होंगे।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार रक्षा प्रदर्शनी समुद्र किनारे आयोजित की जा रही है, और इससे पूर्वी तटीय मार्ग चेन्नई से महाबलेश्वरम सटा हुआ है। इससे भारतीय नौसेना की स्वदेशी डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग की क्षमता की धमक दिखाई देगी।
डिफेंस एक्सपो में इस बार 677 प्रदर्शक शामिल होंगे जिसमे 523 भारतीय और 154 विदेशी प्रदर्शक शामिल हैं। रक्षा सचिव अजय कुमार के मुताबिक, भारत ने रक्षा क्षेत्र में पिछले साल 55000 करोड के उपकरणों का निर्माण किया है।