पाक उच्चायोग का दर्जा घटा सकता है भारत

पाकिस्तान सरकार के रवैये की वजह से वहां अपने उच्चायोग से आठ अधिकारियों को वापस बुलाने के बाद भारत उच्चायोग का दर्जा घटाने का भी कदम उठा सकता है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Fri, 04 Nov 2016 09:31 PM (IST) Updated:Fri, 04 Nov 2016 09:55 PM (IST)
पाक उच्चायोग का दर्जा घटा सकता है भारत

नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। भारत और पाकिस्तान के बीच खराब होते संबंधों की फिलहाल कोई सीमा दिखती नजर नहीं आती है। पाकिस्तान सरकार के रवैये की वजह से वहां अपने उच्चायोग से आठ अधिकारियों को वापस बुलाने के बाद भारत उच्चायोग का दर्जा घटाने का भी कदम उठा सकता है। उधर, सीमा पार मीडिया में भी यह खबर चल रही है कि पाकिस्तान भी नई दिल्ली स्थिति उच्चायोग का दर्जा घटाने और अपने उच्चायुक्त को कुछ समय के लिए वापस बुलाने का ऐलान कर सकता है।

भारत व पाकिस्तान के कूटनीतिक रिश्तों में अभी जो तनाव है वैसा बहुत कम बार देखा गया है। वैसे दोनों देशों ने एक दूसरे के उच्चायुक्तों को पहले भी बाहर निकाला है लेकिन कभी एक साथ कई राजनयिकों के नाम सार्वजनिक नहीं किये हैं। पाकिस्तान की तरफ से गुरुवार को वहां की मीडिया में वहां के उच्चायोग में कार्यरत आठ अधिकारियों के नाम को सार्वजनिक करने को भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है। इससे इनकी सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गई है। इन्हें अंतत: वापस भारत बुलाया जाएगा।

इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग की क्षमता और घट जाएगी। ऐसे में पाक उच्चायोग के दर्जे कम करना सिर्फ औपचारिकता रह जाएगी। उड़ी हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में अन्य उपायों के साथ पाक उच्चायोग के दर्जे को घटाने के विकल्प पर भी विचार किया गया था।

भारत की तरफ से भी अपने पाकिस्तान उच्चायुक्त को वापस बुलाने की किसी संभावना से फिलहाल साफ तौर पर इनकार किया गया है। हालांकि जानकारों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के कूटनीतिक रिश्ते जिस तल्खी भरे माहौल से गुजर रहे हैं उसे देखते हुए अभी विश्वास से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। अगर पाकिस्तान की तरफ से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने का फैसला किया जाता है तो फिर भारत को भी कदम उठाने होंगे।

भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के उच्चायोगों में तकरीबन सौ अधिकारियों को रख सकते हैं लेकिन अभी बमुश्किल 20-20 अधिकारी ही काम कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम के बाद इनकी संख्या और घट जाएगी। इससे दूतावास के सामान्य काम काज मसलन, वीजा देने वगैरह पर भी काफी बुरा असर पड़ेगा।

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