पीएनबी घोटाला मामले में बड़ी कानूनी फर्म भी जांच के दायरे में

सबसे बड़ी कानूनी फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास (कैम) के परिसर से बरामदगी के बाद यह फर्म केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच के दायरे में है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 10:05 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 10:05 PM (IST)
पीएनबी घोटाला मामले में बड़ी कानूनी फर्म भी जांच के दायरे में
पीएनबी घोटाला मामले में बड़ी कानूनी फर्म भी जांच के दायरे में

 नई दिल्ली, रायटर। पीएनबी घोटाला मामले से जुड़े दस्तावेजों की फरवरी में देश की सबसे बड़ी कानूनी फर्म 'सिरिल अमरचंद मंगलदास' (कैम) के परिसर से बरामदगी के बाद यह फर्म केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच के दायरे में है। एक सरकारी वकील और जांच एजेंसी के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सीबीआइ द्वारा अदालत में दाखिल दस्तावेजों और साक्ष्यों के मुताबिक, इस साल फरवरी के मध्य में नीरव मोदी के सहयोगियों ने मुंबई स्थित उसकी डायमंड फर्म के एक कार्यालय में कई कार्टूनों में दस्तावेजों को भरकर उन्हें नजदीक स्थित 'कैम' के कार्यालय में भिजवाया था। एक हफ्ते के अंदर ही 21 फरवरी को पुलिस ने इन दस्तावेजों को वहां से जब्त कर लिया था।

नीरव मोदी मामले में अभियोजन पक्ष के वकील राघवाचार्यलु और सीबीआइ के दो सूत्रों ने बताया कि 'कैम' के कार्यालय से जब्त दस्तावेजों में नीरव मोदी की पीएनबी के साथ डीलिंग से संबंधित दस्तावेज हैं, जबकि 'कैम' न तो नीरव मोदी और न ही उसकी कंपनियों का प्रतिनिधित्व कर रही थी।

इस बाबत 'कैम' ने नीरव मोदी के साथ अपने संबंधों पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। उसकी प्रवक्ता मधुमिता पॉल ने कहा कि फर्म कानूनी परंपराओं का सख्ती से पालन करती है और ऐसे मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं करती जिनकी या तो जांच की जा रही है या जो अदालत में विचाराधीन हैं।

सीबीआइ ने भी 'कैम' के खिलाफ आरोप नहीं लगाया है और न ही गवाह के तौर पर उसका नाम शामिल किया है। वहीं, सीबीआइ प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने भी इस मामले में टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि पीएनबी घोटाला मामले की जांच अभी जारी है और इस वक्त इस बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।

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