'मैं पति को नहीं मरवाती तो वह खुद ही आत्महत्या कर लेता'

अखंड नगर में हुई हलवाई की हत्या का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने पत्नी सहित पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हलवाई की लाश नैनोद मल्टी के पास 15-18 फीट गहरे ड्रेनेज में मिली थी। पुलिस का कहना है कि यदि दो-तीन दिन लेट हो जाते तो लाश ढूंढना

By Sachin kEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2015 11:52 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2015 11:57 AM (IST)
'मैं पति को नहीं मरवाती तो वह खुद ही आत्महत्या कर लेता'

इंदौर। अखंड नगर में हुई हलवाई की हत्या का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने पत्नी सहित पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हलवाई की लाश नैनोद मल्टी के पास 15-18 फीट गहरे ड्रेनेज में मिली थी। पुलिस का कहना है कि यदि दो-तीन दिन लेट हो जाते तो लाश ढूंढना मुश्किल हो जाता। उधर, हलवाई की पत्नी को हत्या का कोई मलाल नहीं है। उसके मुताबिक, यदि वह पति को नहीं मरवाती तो वह खुद आत्महत्या कर लेता। उसे प्रेम संबंधों के बारे में सब पता था।

एएसपी रूपेश द्विवेदी के अनुसार, 23 सितंबर को अखंड नगर निवासी तुलसीराम जोशी की घर में गला घोंटकर हत्या करने वाली पत्नी कीर्ति बाला, उसके प्रेमी विशाल पिता दिनेश जगताप, संदीप पिता दिनेश जाधव दोनों निवासी अखंड नगर, संजय उर्फ चिंटू पिता जयराम सिंघल निवासी कृष्णबाग कॉलोनी और ऑटो रिक्शा चालक विशाल चालसे को गिरफ्तार कर लिया है।

प्रॉपर्टी का खेल कर चुकी है पत्नी

कीर्ति बाला ने 4-5 महीने पहले आरोपी विशाल से अवैध संबंध बनाए। कीर्ति अपने पति को लेकर परेशान रहने लगी। उसने धीरे-धीरे पति को झांसे में लिया और उसकी कई प्रॉपर्टी अपने नाम करवा ली। वह पति के मरने के बाद विशाल के साथ रहना चाहती थी। विशाल का कहना था कि कीर्ति प्रॉपर्टी बेचना भी चाहती थी, लेकिन मौका नहीं मिल पा रहा था।

आरोपी की जुबानी उस रात का सच

बकौल विशाल 23 सितंबर की रात को कीर्ति ने मुझे फोन कर घर बुलाया। मैं अपने साथ दोस्त चिंटू और संदीप को लाया। वह कह रही थी कि यदि हमने तुलसीराम को नहीं मारा तो वह खुद आत्महत्या कर लेगी। हम घर के अंदर जाकर छिप गए। फिर कीर्ति ने पति को उठाया और कहा कि तुम्हारे हाथ पैर दुख रहे हैं मैं दबा देती हूं। कीर्ति तुलसीराम के पेट पर बैठ गई और फिर उसके गले में अपना दुपट्टा फंसाकर रख दिया।

कीर्ति पति के पेट पर बैठी रही तभी चिंटू और मैंने दुपट्टा कस दिया। संदीप ने उसके पैर पकड़े। हमने तुलसीराम की चीख भी नहीं निकलने दी, लेकिन उसकी बेटी चांदनी जाग गई। मैं चिल्लाया तो कीर्ति ने बच्ची को धक्का मारकर किचन में भगा दिया। हम लोगों ने तुलसीराम की सांस देखी। वह जिंदा नहीं था। फिर मैंने अपने बुआ के लड़के विशाल (रिक्शा चालक) को बुलाया। वह आया तो हमने पैर बांधकर तुलसीराम की लाश उसमें डाल दी। फिर चिंटू ने लाश नैनोद की ड्रेनेज में फेंक दी।

दूर से आ रही थी बदबू

सीएसपी आरएस घुरैया के अनुसार, 25 सितंबर को हमने जब चिंटू को पकड़ा तो उसने पूरी घटना कबूली। हम लोग नैनोद पहुंचे तो ड्रेनेज से काफी दूर से बदबू आ रही थी। अंदर काफी अंधेरा था। ड्रेनेज की गहराई 15-18 फीट थी और बाहर सिर्फ दो बाय दो का ढक्कन था। लाश ढूंढने में 5 घंटे की मशक्कत करना पड़ी। यदि दो-तीन दिन की देरी हो जाती तो लाश तलाशने में मुश्किल होती। सड़ जाती और काफी आगे निकल जाती।

बच्चों से भी मेरा कोई वास्ता नहीं

पति की हत्या करवाने वाली कीर्ति बाला को अपने किए पर जरा भी मलाल नहीं। वह उत्तेजित थी कि पुलिस कब जेल ले जाएगी और कब छूटेगी। उसने पुलिस से कहा कि पति था मर गया? मैं उसे नहीं मरवाती तो खुद आत्महत्या कर लेता। वह प्रेम मेरे संबंधों को जान चुका था। उसने मुझसे कई बार मिन्नत की कि मैं ऐसे काम छोड़ दूं।

वह कहता था कि मैं यदि ऐसे काम नहीं छोडूंगी तो वह मर जाएगा। फिर वह मुझ पर दवाब बनाने लगा। एक बार तो मुझे लगा कि यदि मैं आजाद नहीं हुई तो मैं भी आत्महत्या कर लूंगी। मैं तंग आ चुकी थी। मेरा बच्चों से भी कोई वास्ता नहीं। हमें मिलने में काफी परेशानी होती थी। पति के परिवार वाले भी हम पर नजर रखने लगे थे। मुझे लगा कि अब आर या पार की लड़ाई हो ही जाए।

तीनों से हैं अवैध संबंध

तुलसीराम के भाई और जीजा का कहना है कि कीर्ति सिर्फ विशाल से संबंध बता रही है, जबकि उसके तीनों से संबंध थे। वे रोज घर आते थे और हमने कई बार समझाया, लेकिन वह नहीं मानी।

ऐसी मम्मी को फांसी दो

जैसे ही तुलसीराम का शव घर पहुंचा तो पिता के हत्या की चश्मदीद 8 साल की बेटी चांदनी फूट-फूट कर रो पड़ी। खूब रोई और बोली कि ऐसी मम्मी को फांसी दे दो।

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