जानिए मणिपुर की BJP सरकार ने कैसे पूरा किया अपना यह प्रमुख चुनावी वादा

मणिपुर में पहली भाजपा सरकार ने सत्ता पर आसीन होने के बाद 139 दिनों से जारी आर्थिक नाकेबंदी को हटाने में सफलता हासिल की है।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Sat, 25 Mar 2017 11:30 AM (IST) Updated:Sat, 25 Mar 2017 11:57 AM (IST)
जानिए मणिपुर की BJP सरकार ने कैसे पूरा किया अपना यह प्रमुख चुनावी वादा
जानिए मणिपुर की BJP सरकार ने कैसे पूरा किया अपना यह प्रमुख चुनावी वादा
नई दिल्ली (जेएनएन)। मणिपुर में भाजपा सरकार के पहले मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कुछ इस तरह से रणनीति बनाई कि राज्य में 139 दिनों से जारी नाकेबंदी का संकट खत्म हो गया। राज्य के नए मुख्यमंत्री ने कार्यभार संभालने के बाद सबसे पहले यह तय किया कि कैसे इस मुद्दे का समाधान शांतिपूर्वक ढंग से किया जा सकता है। शुरुआत में वह बलपूर्वक इसे हल करना चाहते थे। 
मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने जनता के साथ अपने पहले संबोधन में शांति की वकालत की। उन्होंने पहाड़ी नागा लोगों को भरोसा देने के साथ-साथ तराई में रहने वाले मितैई लोगों को भी भरोसे में लिया, जो राज्य में एक बुनियादी विभाजन है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि सभी लोगों का बराबर विकास हो। उन्होंने हिल्स में  नागा ग्रुप के साथ अपनी पहली कैबिनेट बैठक में नागा लोगों को भरोसे में लिया।
बीरेन सिंह ने राज्य में नागाओं के सर्वोच्च संगठन यूनाइटेड नागा काउंसिल (यूएनसी) के साथ बात की। उन्होंने यूएनसी को धमकाते हुए यह भी कहा कि यदि वे आर्थिक नाकेबंदी नहीं हटाते हैं तो फिर इसे हटाने के लिए सीआरपीएफ की 172 कंपनियों के अलावा असम राइफल्स की 22वीं बटालियन को तैनात किया जाएगा। दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि यूएनसी बातचीत की मेज पर आए।
बिना समय गंवाए बीरेन सिंह ने यूएनसी को बातचीत के लिए राजी करवा लिया तथा बिना किसी शर्त के यूएनसी के अध्यक्ष गैडॉन कामेई और संगठन के सचिव स्टीफन लामकांग को रिहा कर दिया। राज्य में आर्थिक नाकेबंदी के दौरान हुई हिंसा में इन दोनों का कथित रूप से हाथ होने के कारण इन्हें गिरफ्तार किया गया था।
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