केंद्र ने कोरोना को आपदा की श्रेणी में रखा, डिजास्टर फंड का खोला खजाना, राज्यों को दी यह छूट
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस को आपदा घोषित करते हुए एलान किया है कि संक्रमण से मरने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे आपदा की श्रेणी में शामिल कर दिया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए राज्यों को अपने आपदा फंड का खजाना खोलने की छूट दे दी है। इस घातक वायरस से अब तक दो मौतों की मौत हुई है और लगभग 84 लोग संक्रमित हुए हैं। हालांकि, देश में इस वायरस से संक्रमित पाए गए 10 लोग ठीक भी हो चुके हैं। महाराष्ट्र के बुलढाणा में एक संदिग्ध मरीज की मौत की खबर है। हालांकि, अभी उसके कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है, जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
एसडीआरएफ के नियमों में बदलाव
गृह मंत्रालय ने स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (एसडीआरएफ) के नियमों में अहम बदलाव किया है। इसके तहत कोरोना को आपदा की श्रेणी में लाया गया है, ताकि आपदा फंड का राज्य इस चुनौती से निपटने के लिए इस्तेमाल कर सकें। हालांकि, राज्य इस आपदा फंड में मिलने वाली कुल सालाना राशि का 25 फीसद तक की राशि ही खर्च कर सकेंगे।
मरीजों के इलाज पर होगा खर्च
शनिवार को जारी नोटीफिकेशन के तहत इस फंड का इस्तेमाल कोरोना से प्रभावित लोगों के रहने के लिए वैकल्पिक प्रबंधन सहित उनके खाने, कपड़े, दवाईयों आदि पर खर्च किया जा सकेगा। सरकार ने इसको लेकर जारी पहली अधिसूचना में कोरोना से होने वाली प्रत्येक मौत पर इस फंड से ही चार लाख रुपए की मुआवजा देने की घोषणा की थी। लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया। राज्यों को यह फंड केंद्र सरकार की ओर से आपदाओं से निपटने के लिए दिया जाता है। जिसकी देखरेख राज्य स्तर पर ही एक कमेटी करती है।
इस काम में होगा फंड का इस्तेमाल
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को जारी पत्र में कहा है कि जरूरत पड़ने पर वो जांच के लिए और लैब या हेल्थ केयर उपकरण आदि खरीदने के लिए भी इस फंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। स्वास्थ्यकर्मियों, नगर निगमकर्मियों, पुलिस और फायर बिग्रेड आदि को कोरोना संक्रमण की चुनौती से निपटने के लिए तैयार करने में इस फंड का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके अलावा अस्पतालों को थर्मल स्कैनर, एयर प्यूरीफायर्स, वेंटीलेटर्स आदि से लैस करने में भी इस फंड का इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह हिस्सा राज्य आपदा कोष को दिए जाने वाले सालाना फंड का 10 फीसद तक ही हो सकेगा।
मुआवजे वाली बात हटाई
इससे पहले दिन में गृह मंत्रालय की ओर से एक और अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें कोरोना संक्रमण से होने वाली प्रत्येक मौत पर चार लाख रुपए का मुआवजा देने की बात कही गई थी। लेकिन कुछ ही घंटों के बाद सरकार ने इसमें बदलाव कर नई अधिसूचना जारी कर मुआवजे वाली बात हटा दी।
देशभर में 84 केस
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 84 हो गई है। इस विषाणु से संक्रमित पाए गए सात व्यक्तियों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। उनमें पांच उत्तर प्रदेश और एक-एक राजस्थान एवं दिल्ली के थे।' केरल के तीन मरीज पहले ही ठीक हो गए थे। कोरोना से देश में अब तक दो मौत हुई है। इसमें दिल्ली के 67 साल की महिला और कर्नाटक के कलबुर्गी का एक बुजुर्ग शामिल है।
जानें किन राज्यों में कितने मामले
मंत्रालय के मुताबिक संक्रमित लोगों में केरल के 19 (जिनमें स्वस्थ हो चुके तीन मरीज शामिल हैं), दिल्ली के छह, उत्तर प्रदेश के 11, कर्नाटक के छह, महाराष्ट्र के 14, लद्दाख के तीन, जम्मू-कश्मीर के दो और राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, और पंजाब का एक-एक मामला शामिल है। लेकिन कुल संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में पीडि़तों की संख्या 26 और तेलंगाना ने दो बताई है। संक्रमित 84 मामलों में 17 विदेशी भी शामिल हैं।
चार हजार लोगों पर नजर
स्वास्थ्य मंत्रालय में विशेष सचिव संजीव कुमार ने कहा कि इन 84 लोगों के संपर्क में आए चार हजार से अधिक लोगों को निगरानी में रखा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ ऐसे भी लोग हैं जो संक्रमित लोगों के संपर्क में आने के बावजूद कोरंटाइन नहीं होना चाहते।
ईरान-इटली से लाए जाएंगे भारतीय
कुमार ने बताया कि मिलना एयर लाइन का विमान आज देर रात ईरान से भारतीयों को लेकर मुंबई एयरपोर्ट पहुंचेगा। इसी तरह इटली से भी भारतीयों को लेकर एयर इंडिया का एक विमान शनिवार की देर रात या रविवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरेगा। शनिवार दोपहर इटली विमान रवाना हुआ है।
मोदी ने स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश साझा किए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घर में पृथक रहने के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश ट्विटर पर साझा किए। मोदी ने दिशानिर्देश जारी करते हुए लिखा, 'यहां कुछ महत्वपूर्ण सूचना है। इसे पढ़ें।' स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि घर पर पृथक रखने का उद्देश्य 'आपको और आपके प्रियजनों की रक्षा करना है।' दिशानिर्देश के अनुसार जिन्हें घर पर पृथक रखा गया है उन्हें एक ऐसे एकल कमरे में रहना चाहिए जो कि हवादार हो और उससे उससे लगा हुआ शौचालय हो या फिर उनके लिए अलग शौचालय हो। यदि परिवार के किसी अन्य सदस्य को उसी कमरे में रहना जरूरी हो, तो यह सलाह दी जाती है कि दोनों के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी हो। घर में पृथक रखे गए व्यक्तियों को वृद्ध, गर्भवती महिलाओं, बच्चों और किसी बीमारी से पीडि़त व्यक्तियों से दूर रहना चाहिए क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है।
राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार समारोह स्थगित
स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो कोरोना से निपटने के लिए आपदा फंड का खजाना खोल दिए जाने से राज्यों को अब छोटी-छोटी जरूरतों के लिए केंद्र की ओर नहीं ताकना होगा। वह अपने स्तर पर कोरोना से निपटने के लिए बेहतर इंतजाम कर सकेंगे। वहीं कोरोना के बढते संक्रमण और एक जगह पर ज्यादा लोगों के न जुटने की स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह को मानते हुए राष्ट्रपति भवन में 26 मार्च और तीन अप्रैल आयोजित होने वाले पद्म पुरस्कारों के वितरण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। अब कोरोना के हालत संभलने की स्थिति में पद्म पुरस्कार वितरण समारोह की नई तिथियों का ऐलान होगा।
मास्क और सेनेटाइजर की कालाबाजारी करने वालों पर गिरेगी गाज
कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोग मास्क और हेंड सेनेटाइजर खरीदने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। इससे बाजार में हेंड सेनेटाइजर और मास्क की मांग बढ़ गई है जिसे देखते हुए सरकार ने एन-95 समेत अन्य मास्क और सेनेटाइजर को अनिवार्य वस्तु की श्रेणी में लाने का एलान किया है। कोरोना वायरस के फैलने के साथ इन दोनों उत्पादों की कमी और कालाबाजारी के कारण यह कदम उठाया गया है। सरकारी आदेश के मुताबिक, ये उत्पाद अनिवार्य वस्तु श्रेणी में जून तक रहेंगे। सरकार के इस कदम से कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकेगी।
दुनिया में हालात खराब
चीन में करीब तीन महीने पहले दस्तक देने वाला कोरोना वायरस अब वैश्विक महामारी बन चुका है। इस वायरस के संक्रमण से 5,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है जबकि दुनियाभर में 1,34,300 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। अकेले चीन में इस बीमारी के कारण अभी तक 3,176 लोगों की जान जा चुकी है। इस वायरस से इटली में 1,016 और ईरान में 514 लोगों की मौत हुई है। स्पेन में इस वायरस से 120 मौतें हुई हैं जबकि 4,209 लोग संक्रमित हुए हैं। दक्षिण कोरिया (67 मौत, 7,979 मामले) जबकि जापान में 675 लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।