Hijab Row: हिजाब विवाद पर सुनवाई में कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा- अधिक जिम्‍मेदार बने मीड‍िया

कर्नाटक के स्कूल-कालेजों में शुरू हुए हिजाब विवाद पर सोमवार को कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला आने तक शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब भगवा गमछा या धार्मिक पहचान वाले किसी भी पोशाक के पहनने पर रोक लगा रखी है।

By Mohd FaisalEdited By: Publish:Mon, 14 Feb 2022 09:06 AM (IST) Updated:Mon, 14 Feb 2022 05:09 PM (IST)
Hijab Row: हिजाब विवाद पर सुनवाई में कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा- अधिक जिम्‍मेदार बने मीड‍िया
कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब विवाद पर सोमवार को सुनवाई हुई। (फाइल फोटो)

बेंगलुरु, एजेंसी: हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मीडिया से इस संवेदनशील मसले पर अधिक जिम्मेदार बनने की अपील की। हाईकोर्ट ने अपील करते हुए कहा कि मीडिया से हमारा अनुरोध है कि वे अधिक जिम्मेदार बनें। वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का सरकारी आदेश प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यह सरकारी आदेश अनुच्छेद 25 के तहत है और यह कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है।

चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की 3 जजों की बेंच ने अधिवक्ता कामत से पूछा कि क्या कुरान में जो बातें कही गई हैं। वह आवश्यक धार्मिक प्रथा है? वरिष्ठ अधिवक्ता कामत ने जवाब दिया कि मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं...

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सुनवाई के दौरान एक वकील की ओर से राज्‍यों में चल रहे विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए इस मुद्दे पर मीडिया और सोशल मीडिया में चल रही टिप्पणियों को प्रतिबंधित करने को लेकर आवेदन दिया गया। इस पर अदालत ने कहा कि यदि निर्वाचन आयोग यह अनुरोध करता है तो हम इस पर विचार कर सकते हैं... पीठ ने पिछले हफ्ते अपने अंतरिम आदेश में स्कूल कालेजों में विद्यार्थ‍ियों के लिए किसी भी धार्मिक पहनावे की अनुमति नहीं थी। साथ ही शिक्षण संस्‍थानों के परिसर में हिजाब और भगवा शाल दोनों के पहनावे पर रोक लगा दी थी।

Hijab row | Karnataka High Court appeals to media, says

our earnest request to media is to be more responsible

— ANI (@ANI) February 14, 2022

इस बीच आज से कर्नाटक में 10वीं तक के स्कूल खुल गए हैं। हिजाब विवाद को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने सतर्कता बरतते हुए स्कूलों के आसपास धारा 144 लागू कर दी है। मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने चेतावनी दी है कि गड़बड़ी फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।

दरअसल, गुरुवार को कोर्ट में तीन जजों की पीठ ने मामले में सुनवाई की थी। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी ने सुनवाई के लिए तीन जजों की एक पीठ का गठन किया था, जिसमें वो खुद भी शामिल हैं। उनके साथ न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जे एम खाजी ने मुद्दे से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने सरकार के फैसले के खिलाफ कई दलीले दीं थी। उडुपी जिले में शैक्षणिक संस्थानों के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दी गई है, जो 19 फरवरी तक जारी रहेगी। 

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