केंद्र सरकार ने किया साफ-नियामकों की मंजूरी के बाद ही किसी वैक्‍सीन को दी जाएगी मंजूरी, जानें-टीकाकरण से जुड़े महत्‍वपूर्ण सवालों के जवाब

देश में टीकाकरण को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने साफ किया है कि टीके के चयन और अप्रूवल को लेकर किसी तरह की जल्‍दबाजी नहीं की जाएगी। जानें टीकाकरण से जुड़े महत्‍वपूर्ण सवालों के जवाब...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 18 Dec 2020 05:17 PM (IST) Updated:Sat, 19 Dec 2020 12:09 AM (IST)
केंद्र सरकार ने किया साफ-नियामकों की मंजूरी के बाद ही किसी वैक्‍सीन को दी जाएगी मंजूरी, जानें-टीकाकरण से जुड़े महत्‍वपूर्ण सवालों के जवाब
देश में टीकाकरण को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। कोविड-19 वैक्‍सीन के सुरक्षित और प्रभावी होने की आशंकाओं के बीच केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि टीके के चयन और अप्रूवल को लेकर किसी तरह की जल्‍दबाजी नहीं की जाएगी। मंत्रालय ने कहा है कि सुरक्षा और कारगर होने के आधार पर नियामक संस्थानों की हरी झंडी मिलने के बाद ही देश में किसी वैक्‍सीन को मंजूरी दी जाएगी। मंत्रालय का कहना है कि लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है और सुरक्षित टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों को टीके के साइड इफेक्‍ट की स्थिति से निपटने के लिए पहले से बंदोबस्‍त करने के लिए भी कहा गया है।

आपात इस्‍तेमाल के लिए इन कंपनियों ने दिया है आवेदन

देश के दवा नियामक भारतीय औषधि महानियंत्रक यानी डीजीसीआई के पास भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट और फाइजर ने अपने कोविड-19 टीकों के आपात इस्‍तेमाल की मंजूरी देने के लिए आवेदन दिए हैं। डीजीसीआई के विशेषज्ञों की समिति इन आवेदनों पर बारीकी से गौर कर रही है। बीते दिनों डीजीसीआई ने उक्‍त कंपनियों से ट्रायल के आंकड़ों को मांगा था। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल के मुताबिक, वैज्ञानिक आधार पर आवेदनों पर गौर किया जा रहा है। टीका सुरक्षित हो और कोरोना के खिलाफ कारगर हो इस बारे में अवलोकन किया जा रहा है।

जोरों पर टीकाकरण की तैयारियां

समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि टीकाकरण के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। वैसे तो कोविड-19 वैक्‍सीन की खुराक लेना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा लेकिन सबसे पहले इसे स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात प्राथमिकता समूह को दिया जाएगा। यही नहीं टीके की उपलब्धता के आधार पर 50 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों को इसकी खुराक दिए जाने पर विचार किया जाएगा। सरकार अत्यंत जोखिम वाले समूहों को सबसे पहले टीका लगाए जाने को प्राथमिकता दे रही है।

वैक्‍सीन लेना स्‍वैच्छिक लेकिन ये हैं अहम सवाल

दरअसल मंत्रालय ने कोविड-19 टीके से जुड़े सवालों-जवाबों की सूची तैयार की है। इसी में कुछ सवाल थे जैसे कि क्या सबके लिए टीका लेना जरूरी है... टीके से कितने दिनों में एंटीबॉडी तैयार होंगी... क्या कोविड-19 से उबर चुका व्यक्ति भी टीका ले सकता है। मंत्रालय का कहना है कि सभी को टीका लेने की सलाह दी जाती है लेकिन वैक्‍सीन लेना स्‍वैच्छिक है। टीके के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड जैसे दस्तावेज मान्य होंगे। यही नहीं कैंसर, मधुमेह, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से जूझ रहे मरीज भी वैक्‍सीन ले सकते हैं।

संक्रमण को शिकस्‍त देने वाले भी लें वैक्‍सीन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि किसी भी टीके को मंजूरी पूरी जांच परख के बाद ही होगी। भारत में उपलब्ध टीका भी दूसरे देशों में विकसित टीके जितना ही सुरक्षित और कारगर होगा। देश में कोविड-19 के छह टीकों के परीक्षण चल रहे हैं। मंत्रालय का कहना है कि पूर्व में कोविड-19 से संक्रमित हो चुके लोगों को भी कोरोना के टीके की पूरी खुराक लेने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से बीमारी के खिलाफ मजबूत प्रतिरोधक क्षमता तैयार होगी। मंत्रालय ने बताया कि वैक्‍सीन की दूसरी खुराक लेने के दो हफ्ते बाद जाकर शरीर में सुरक्षात्मक स्तर तक एंटीबॉडी बन पाते हैं।

वैक्सीन से हो सकता है हल्का बुखार और दर्द 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोविड से बचाव की वैक्सीन को तभी स्वीकृति दी जाएगी जब यह पूरी तरह से सुरक्षित साबित हो जाएगी। इसके कुछ सामान्य से दुष्प्रभाव भी हैं, जैसे- वैक्सीन देने के बाद हल्का बुखार, इंजेक्शन लगाए जाने के स्थान पर दर्द आदि हो सकता है। लेकिन यह गंभीर बात नहीं है। यह कुछ घंटों बाद ठीक हो जाता है। वैक्सीन की दो खुराक 28 दिनों के अंतर पर ली जाती हैं और उसके दो सप्ताह बाद यह अपना असर दिखाते हुए शरीर में एंटीबॉडी पैदा कर देती है। पैदा होने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता के चलते वैक्सीन लेने वाला व्यक्ति कोरोना वायरस के हमले से खुद को सुरक्षित रख पाता है।

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