दिल और कैंसर के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है तिल, जानें कैसे उठाएंं इसका फायदा

तिल में कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्‍प्‍लेक्‍स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्‍व पाये जाते हैं। तिल का सेवन करने से तनाव दूर होता है और मानसिक दुर्बलता नही होती।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 03:10 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jan 2019 08:32 PM (IST)
दिल और कैंसर के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है तिल, जानें कैसे उठाएंं इसका फायदा
दिल और कैंसर के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है तिल, जानें कैसे उठाएंं इसका फायदा

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भारतीय खानपान में तिल का बहुत महत्‍व है। सर्दियों के मौसम में तिल खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और शरीर सक्रिय रहता है। तिल में कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्‍प्‍लेक्‍स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्‍व पाये जाते हैं। तिल का सेवन करने से तनाव दूर होता है और मानसिक दुर्बलता नही होती। इसके अलावा प्राचीन समय से खूबसूरती बनाये रखने के लिए भी तिल का प्रयोग किया जाता रहा है। तिल तीन प्रकार के होते हैं - काले, सफेद और लाल। लाल तिल का प्रयोग कम किया जाता है। तिल का तेल भी बहुत फायदेमंद होता है।

शोध बताते हैं सेसमीन नाम का एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। यही वजह है कि इसे लंग कैंसर, पेट के कैंसर, ल्यूकेमिया, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका को कम करता है। तिल शरीर को गर्माहट भी देता है। इस वजह से ठंड के मौसम में इसका प्रयोग खूब होता है। तिल के तेल में खाना बनाने से दिल भी स्वस्थ रहता है। आइए हम आपको तिल के औषधीय गुणों के बारे में आपको बताते हैं।

बवासीर में लाभकारी
तिल का नियमित सेवन करने से पुराना से पुराना बवासीर भी ठीक हो जाता है। बवासीर की समस्‍या होने पर प्रतिदिन दो चम्‍मच काले तिल को चबाकर खाइए और उसके बाद ठंडा पानी पीजिए।

ब्‍लड सर्कुलेशन को सही रखें
तिल का तेल गाढ़ा होने के कारण इससे मालिश करने पर यह तेल त्‍वचा में आसानी से मिल जाता है। जिससे यह त्‍वचा को अंदर से पोषण मिलती है। तिल से बने तेल से नियमित मालिश करने से ब्‍लड सर्कुलेशन की प्रक्रिया सही रहती है और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत होती है।

एंटी-बैक्टीरियल है तिल
तिल में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण यह किसी भी तरह के घाव को जल्द ही ठीक कर देता है। इसके अलावा किसी भी सूजन में आराम देता है और सोराइसिस और एक्जिमा जैसी त्वचा की परेशानियों को दूर करने में भी मदद करता है। इसके अलावा जलने पर भी तिल का प्रयोग किया जाता है। जले हुए स्‍थान पर देशी घी और कपूर के साथ मिलाकर जले हुए स्‍थान पर इसका लेप लगाने से फायदा होता है।

बच्‍चों के लिए फायदेमंद
अगर आपका बच्‍चा सोते समय पेशाब करता है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्‍योंकि इस समस्‍या से तिल आपको निजात दिला सकता है। इसके लिए भुने काले तिलों को गुड़ के साथ मिलाकर उसका लड्डू बना लीजिए। बच्‍चे को यह लड्डू हर रोज रात में सोने से पहले खिलाइए, बच्‍चा सोते वक्‍त पेशाब नही करेगा।

मानसिक दुर्बलता दूर करें
तिल के तेल को बुद्धिवर्धक भी कहा जाता है। तिल में प्रोटीन, कैल्शियम और बी कॉम्प्लेक्स बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। प्रतिदिन लगभग पचास ग्राम तिल खाने से कैल्शियम की आवश्यकता पूरी होती है। तिल के सेवन से मानसिक दुर्बलता एवं तनाव दूर होता है।

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