अनुशासनहीनता केे आरोप में गुवाहाटी यूनिवर्सिटी ने तीन छात्रोंं को निकाला

गुवाहाटी यूनिवर्सिटी ने अनुशासनहीनता के आरोप में पोस्ट ग्रेजुएशन के तीन छात्रों को निकाल दिया। इनमें से एक छात्र की तबीयत खराब हो गई, फिलहाल वो आईसीयू में भर्ती है।

By anand rajEdited By: Publish:Tue, 31 May 2016 08:11 AM (IST) Updated:Tue, 31 May 2016 09:12 AM (IST)
अनुशासनहीनता केे आरोप में गुवाहाटी यूनिवर्सिटी ने तीन छात्रोंं को निकाला

नई दिल्ली। गुवाहाटी विश्वविद्यालय ने अपने तीन छात्रों को यूनिवर्सिटी विरोधी गतिविधियों में पाए जाने के कारण निष्कासित कर दिया। यूनिवर्सिटी की कार्रवाई के बाद एक छात्र की तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया। फिलहाल उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

अंग्रेेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ने पोस्ट ग्रेजुएट के दो और छात्रों को भी एक साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक़ छात्रों को अनुशासनहीनता के आरोप में निकाला गया है।

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68 वर्षीय यूनिवर्सिटी सचिव हेमनाथ द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि पोस्ट ग्रेजुएट के छात्र मिल्टन हांडिक को स्थाई रूप से निष्कासित कर दिया गया है। जबकि लॉ कर रहे रेेजॉल करीम और मास कम्यूनिकेशन के छात्र रितिक सैकिया को एक साल के लिए निष्कासित किया गया है। तीनों छात्रों को निष्कासित करने के बोर्ड के फैसले को कुलपति ने भी अपनी मंज़ूरी दी है।

नोटिस के बाद एक छात्र की तबीयत खराब

नाम न छापने की शर्त पर एक छात्र नेता ने बताया कि हांडिक को नोटिस जारी होने के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई जिसके बाद उसे यूनिवर्सिटी अस्पताल में ले जाया गया। वहां अस्पताल ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया। तब हांडिक को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उसकी हालत गंभीर है और उसे आईसीयू में रखा गया है।

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छात्रों का आरोप

निष्कासित छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी में कथित तौर पर जारी वित्तीय अनियमितताओं को देखते हुए सूचना के अधिकार के तहत इन्होंने जानकारी मांगने के लिए आवेदन किया था। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने ये जानकारी मुहैया कराने से इनकार कर दिया। इसके बाद इनमें से एक छात्र ने बिना किसी का नाम लिए इस विषय पर फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की। जिसके बाद इन छात्रों को निष्कासित कर दिया गया।

विश्वविद्यालय से निष्कासित रितिक सैैकिया ने कहा है कि पिछले कुछ सालों से यूनिवर्सिटी में शिक्षक नियुक्ति से लेकर वित्तीय अनियमितताओं के कई मामले सामने आ रहे थे और इसलिए हमने इस साल छह जनवरी को पहली आरटीआई लगाई। बाद में छह-सात आरटीआई आवेदन और किए गए। लेकिन विश्वविद्यालय ने कोई जवाब नहीं दिय। इसके विरोध में हमने आंदोलन की धमकी दी तो अप्रैल में विश्वविद्यालय की तरफ से हमें कारण बताओ नोटिस भेजा गया और फिर हमें विश्वविद्यालय से बाहर निकाल दिया गया।

यूनिवर्सिटी के छात्रों ने आज मंगलवार से विश्वविद्यालय प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ जोरदार आंदोलन छेड़ने की बात कही है।

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