सामुदायिक शौचालय रखरखाव अभियान में गुजरात अव्वल, कई अन्य राज्य शामिल

जल शक्ति मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि शीर्ष पुरस्कार गुजरात उत्तर प्रदेश हरियाणा तेलंगाना तमिलनाडु मध्य प्रदेश पंजाब और अन्य को प्रदान किया गया। सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत का पुरस्कार तमिलनाडु में सलेम जिले के चिन्नानुर को मिला।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sat, 03 Oct 2020 07:58 AM (IST) Updated:Sat, 03 Oct 2020 07:58 AM (IST)
सामुदायिक शौचालय रखरखाव अभियान में गुजरात अव्वल, कई अन्य राज्य शामिल
सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत का पुरस्कार तमिलनाडु में सलेम जिले के चिन्नानुर को प्रदान किया गया।

नई दिल्ली, प्रेट्र। सामुदायिक शौचालयों के निर्माण और रखरखाव के लिए संसाधन जुटाने के मकसद से छह माह तक चलाए गए अभियान में गुजरात ने राज्य श्रेणी में पहला पुरस्कार हासिल किया है। स्वच्छ सुंदर सामुदायिक शौचालय अभियान की शुरुआत एक नवंबर, 2019 को की गई थी और यह 30 अप्रैल, 2020 तक जारी रहा। केंद्र सरकार के इस अभियान का मकसद जिलों, ब्लॉकों और गांवों को उनके सामुदायिक शौचालयों के निर्माण, रंगरोगन और रखरखाव के लिए संसाधनों को जुटाने के लिए प्रेरित करना था।

जल शक्ति मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि शीर्ष पुरस्कार गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पंजाब और अन्य को प्रदान किया गया। सर्वश्रेष्ठ जिले का पुरस्कार तमिलनाडु के तिरुनेलवेली, सर्वश्रेष्ठ ब्लॉक का पुरस्कार मध्य प्रदेश में उज्जैन जिले के खाचरोद और सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत का पुरस्कार तमिलनाडु में सलेम जिले के चिन्नानुर को प्रदान किया गया।

सामुदायिक शौचालय में उत्तराखंड के पाबौ को तीसरा स्थान

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने शुक्रवार को गांधी जयंती के मौके पर पौड़ी जिले की पाबौ ग्रामसभा के सामुदायिक शौचालय को राष्ट्रीय स्तर पर तृतीय पुरस्कार से नवाजा। पुरस्कार ऑनलाइन प्रदान किया गया। स्वच्छ, सुंदर, सामुदायिक शौचालय श्रेणी में महाराष्ट्र का शौचालय पहले और ओडिशा का दूसरे स्थान पर रहा। 

जिला मुख्यालय पौड़ी स्थित एनआइसी में मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाईं ने ग्राम प्रधान पाबौ हरेंद्र सिंह और पाबौ बजार समिति के सचिव नरेंद्र सिंह रावत को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। सीडीओ ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से ऑनलाइन प्रदान किया गया प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी ग्रामसभा को डाक से प्राप्त होंगे। स्वजल परियोजना के प्रबंधक दीपक रावत ने बताया कि पाबौ कस्बे में बीते वर्ष 11.80 लाख की लागत से बने शौचालय को पुरस्कार श्रेणी में शामिल करने के लिए तीन माह पूर्व आवेदन किया गया था। इसके बाद केंद्र की टीम ने इसका निरीक्षण किया।

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