आपदा सैस पर राज्यों से विचार मांगेगा जीएसटी काउंसिल का मंत्रिसमूह

जीएमओ की अगली बैठक नवंबर में होगी। जीएसटी काउंसिल ने हाल में हुई बैठक में इस मंत्रिसमूह के गठन का निर्णय किया था।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 15 Oct 2018 09:20 PM (IST) Updated:Tue, 16 Oct 2018 12:14 AM (IST)
आपदा सैस पर राज्यों से विचार मांगेगा जीएसटी काउंसिल का मंत्रिसमूह
आपदा सैस पर राज्यों से विचार मांगेगा जीएसटी काउंसिल का मंत्रिसमूह

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल के समूह ने प्रस्तावित आपदा सैस के संबंध में राज्यों के विचार जानने का फैसला किया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता वाला मंत्रिसमूह राज्यों से पूछेगा कि जीएसटी के तहत आपदा सैस किसी राज्य में लगाया जाए या राष्ट्रीय स्तर पर। इसके अलावा समूह अटॉर्नी जनरल से भी इस बारे में राय लेगा कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित राज्यों की मदद के लिए आपदा सैस या टैक्स लगाना वैध है या नहीं। समूह का मानना है कि मौजूदा राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत धनराशि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में राहत कार्यो के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

मोदी की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल के मंत्रिसमूह की बैठक

मंत्रिसमूह की यहां बैठक के बाद मोदी ने कहा कि जीएसटी काउंसिल एक प्रश्नावली बनाएगा और उसे राज्यों के पास भेजेगा। काउंसिल मंत्रिसमूह की सेवा शर्तो और अधिकार क्षेत्र के आधार पर 15-20 सवाल तैयार करेगा।

उदाहरण के लिए आपदा सैस किसी राज्य तक सीमित रखना चाहिए या पूरे देश में लगाया जाना चाहिए। इसके अलावा राज्यों से इस बारे में भी चर्चा की जाएगी कि अगर इस तरह का कोष बनाया जाए तो उसका तरीका क्या हो और आपदा से प्रभावित राज्यों की मदद के लिए इसका वितरण किस प्रकार किया जाए।

मोदी ने कहा कि पिछले चार-पांच वर्षो खास कर जीएसटी लागू होने के बाद नेशनल कैलेमिटी कंटीजेंट ड्यूटी यानी एनसीसीडी के तहत जमा होने वाली राशि कम होती जा रही है। मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के संबंध में राज्यों की फंडिंग का मौजूदा तंत्र पर्याप्त नहीं है।

जीएसटी के लिए लाए गए संविधान संशोधन कानून में पहले ही एक भाग है जिसमें यह कहा गया है कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में केंद्र और राज्य सरकारें एक निश्चित अवधि के लिए विशेष दर लगा सकती हैं।

गौरतलब है कि एनसीसीडी के तहत वर्ष 2016-17 में 6450 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ था जबकि 2017-18 में यह घटकर 3660 करोड़ रुपये रह गया है। राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में एनसीसीडी अहम योगदान करता है। चूंकि एनसीसीडी संग्रह घट रहा है इसलिए सरकार को केंद्रीय बजट से आपदा राहत कोष के लिए अतिरिक्त राशि उपलब्ध करानी पड़ रही है।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल ने हाल में हुई बैठक में इस मंत्रिसमूह के गठन का निर्णय किया था। केरल में बाढ़ आने के बाद राज्य सरकार ने आपदा सैस लगाने की मांग की थी जिसके बाद जीएसटी काउंसिल ने यह कदम उठाया था। जीएमओ की अगली बैठक नवंबर में होगी।

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