केंद्र सरकार का तोहफाः 2500 रुपये में उड़ान स्कीम लांच, उड़ाने जनवरी से

पी. अशोक गजपति राजू ने कहा कि उड़ान के तहत फिक्स्ड विंग विमानों में न्यूनतम 9 तथा अधिकतम 40 सीटें, जबकि हेलीकॉप्टरों 5 से लेकर 13 तक सीटें 2500 रुपये के रियायती किराये पर उपलब्ध होंगी।

By kishor joshiEdited By: Publish:Fri, 21 Oct 2016 01:09 PM (IST) Updated:Fri, 21 Oct 2016 08:36 PM (IST)
केंद्र सरकार का तोहफाः 2500 रुपये में उड़ान स्कीम लांच, उड़ाने जनवरी से

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पच्चीस सौ रुपये में 500 किलोमीटर का हवाई सफर एक या आधे घंटे में कराने वाली उड़ान रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम शुक्रवार को लांच हो गई। 'उड़े देश का आम नागरिक' के पूरे नाम वाली इस स्कीम की उड़ाने अगले साल जनवरी से शुरू होने की संभावना है।

उड़ान को लांच करते हुए नागरिक विमानन मंत्री पी. अशोक गजपति राजू ने कहा कि उड़ान के तहत फिक्स्ड विंग विमानों में न्यूनतम 9 तथा अधिकतम 40 सीटें, जबकि हेलीकॉप्टरों 5 से लेकर 13 तक सीटें 2500 रुपये के रियायती किराये पर उपलब्ध होंगी। बाकी सीटें बाजार आधारित सामान्य किराये पर उपलब्ध कराई जाएंगी। 'उड़ान' रूटों पर हर सप्ताह न्यूनतम तीन तथा अधिकतम सात उड़ाने भरनी होंगी। एयरलाइनों की लागत घटे और लाभ बढ़े, इसके लिए एक रूटों की नेटवर्किंग को बढ़ावा दिया जाएगा।उड़ान के तहत 2500 रुपये में 500 किलोमीटर उड़ने का मौका मिलेगा।

फिक्स्ड विंग विमान इस दूरी को एक घंटे में, जबकि हेलीकाप्टर आधे घंटे में पूरा करेंगे। इससे अधिक दूरी और समय के सफर के लिए अधिक किराया देना होगा। विमानन मंत्रालय विभिन्न रूटों, दूरियों और समय केअनुसार किराये की उपयुक्त दरें तय करने में जुटा है।विश्र्व में अपने किस्म की इस पहली स्कीम में भाग लेने के वाली एयरलाइनों को सरकार वित्तीय प्रोत्साहन देने के साथ घाटे की भरपाई भी करेगी। एयरलाइनों को उत्पाद शुल्क व सर्विस टैक्स में रियायत के अलावा गैर-आरसीएस रूटों पर उड़ान सीटों को ट्रेड करने तथा अपनी सुविधा के अनुसार उड़ान रूटों की कोड शेयरिंग की अनुमति दी जाएगी।राज्य सरकारें भी एटीएफ पर वैट को घटाकर 1 प्रतिशत या इससे भी कम करेंगी। साथ ही एयरलाइनों को मुफ्त में बिजली, पानी, सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा सेवाएं प्रदान करेंगी।

एयरपोर्ट आपरेटरों से भी उड़ान एयरलाइनों से लैंडिंग, पार्किंग, टर्मिनल नेविगेशन लैंडिंग के रियायती शुल्क वसूलने को कहा गया है।एयरलाइनों के घाटे की भरपाई के लिए सरकार रीजनल कनेक्टिविटी फंड बनाएगी। इसके लिए सामान्य उड़ानों पर प्रति यात्री शुल्क लगाया जाएगा। विमानन सचिव राजीव नयन चौबे के अनुसार 'यह शुल्क बहुत कम होगा। ताकि गैर-उड़ान यात्रियों पर ज्यादा बोझ न पड़े।

आरसीएस फंड में पूर्वोत्तर व केंद्र शासित राज्यों का 10 प्रतिशत, जबकि बाकी राज्यों का 20 प्रतिशत योगदान रहेगा। सभी क्षेत्रों को फंड से समान पैसा मिले इसके लिए देश को उत्तर, पश्चिम, दक्षिण, पूर्व और पूर्वोत्तर के पांच भौगोलिक हिस्सों में बांटा जाएगा। रीजनल कनेक्टिविटी अथवा उड़ान स्कीम में शामिल होने वाले हवाई अड्डों का चयन राज्यों के परामर्श से किया जाएगा। वे चाहेंगी तो निष्कि्रय या कम उपयोग वाले हवाई अड्डों का पुनरुद्धार कर वहां से उड़ाने शुरू की जाएंगी।

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उड़ान की विशेषताएं

उड़ान' (उड़े देश का आम नागरिक) बाजार तंत्र पर आधारित होगीविमान में कम से कम 9 सीटें और अधिकतम 40 सीटें हो सकती हैं।विमान की 50 फीसद सीटें 'उडान' किराये के तहत रिजर्व होंगी जिसका किराया 2500 रुपये होगा और बांकि 50 फीसद सीटें बाजार आधारित मूल्य के अनुसार होंगी।इस समय देश में 394 विमान सेवाओं से वंचित एयरपोर्ट हैं, वहीं 16 एयरपोर्ट ऐसे हैं जहां सेवाएं कम हैं।उद्देश्य घरेलू विमानन क्षेत्र को प्रोत्साहन देना है, जो यात्रियों की संख्या के लिहाज से 20 प्रतिशत वृद्धि दर्ज कर रहा है।

योजना के बारे में नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने बताया, "यह अपने आप में पहली वैश्विक योजना है....हम ऐसा कर रहे हैं जो पहले कभी नहीं हुआ है।" इस योजना के तहत एक घंटे की उड़ानों के लिए किराया 2,500 रुपये (टैक्स सहित) होगा।

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