आंध्र में गैस लीक मामले में सरकार की कारवाई मानवाधिकार आयोग को स्वीकार

Visakhapatnam Gas Leak Case राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सात मई 2020 को एलजी पॉलिमर्स कंपनी से स्टाइरीन गैस रिसाव से लोगों की मौत होने और 5000 लोगों के बीमार पड़ने की मीडिया रिपोर्टो का स्वत संज्ञान लिया था।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 05:41 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 05:41 PM (IST)
आंध्र में गैस लीक मामले में सरकार की कारवाई मानवाधिकार आयोग को स्वीकार
मई 2020 में स्टाइरीन गैस रिसाव से 12 लोगों की हुई थी मौत

नई दिल्ली, आइएएनएस। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने विशाखापत्तनम गैस रिसाव कांड के संबंध में आंध्र प्रदेश सरकार की कार्रवाई स्वीकार कर ली है। सरकार ने आयोग को सूचित किया है कि मई 2020 में स्टाइरीन गैस रिसाव से 12 लोगों की मौत हुई थी, जिनके परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये दिए गए हैं।

इसके साथ ही दो-तीन दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे लोगों को एक-एक लाख रुपये दिए गए और 12 आरोपितों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही शुरू की गई है। जिन लोगों के इलाज में वेंटीलेटर की जरूरत हुई, उन्हें 10-10 लाख और प्राथमिक उपचार कराने वालों को 25-25 हजार रुपये दिए गए।

आयोग ने सात मई, 2020 को एलजी पॉलिमर्स कंपनी से स्टाइरीन गैस रिसाव से लोगों की मौत होने और 5,000 लोगों के बीमार पड़ने की मीडिया रिपोर्टो का स्वत: संज्ञान लिया था। गैस रिसाव के कारण तीन किलोमीटर तक के दायरे में लोग पीड़ित हुए थे तथा कोरोना काल के बावजूद लोगों को निकल कर बाहर सड़कों पर आना पड़ा था। खुली हवा में आने के बाद भी लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही थी और वे बेहोश होकर गिर रहे थे। 25 पशुओं की भी मौत हो गई थी।

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