रेलवे में बदलाव की बुनियादः जब चाहेंगे, तब मिलेगा कन्फर्म टिकट

रोजाना एक लाख यात्रियों को फोन करके सेवाओं, सुविधाओं के बारे में उनकी राय ली जा रही है। शिकायतों पर भी तुरंत एक्शन हो रहा है।

By Gunateet OjhaEdited By: Publish:Sun, 22 May 2016 09:09 PM (IST) Updated:Mon, 23 May 2016 10:44 AM (IST)
रेलवे में बदलाव की बुनियादः जब चाहेंगे, तब मिलेगा कन्फर्म टिकट

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने चार साल बाद रेल यात्रियों को मांग पर आरक्षण मिलने का भरोसा जताया है। उन्होंने कहा दो साल में रेलवे में बदलाव की मजबूत बुनियाद रख दी गई है। जिसका वास्तविक व पूरा लाभ आने वाले समय में रेल संरचनाओं, सेवाओं और सुविधाओं में चतुर्दिक सुधार के रूप में दिखाई देगा।

मनोज सिन्हा ने कहा, पिछले दो साल में हम लोगों ने नेटवर्क विस्तार व क्षमता वृद्धि के अलावा पटरियों पर बोझ घटाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इसके लिए परिव्यय को ढाई गुना बढ़ाकर सवा लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। पहले जहां परियोजनाओं पर काम शुरू होने में दो-तीन साल लग जाते थे। वहीं अब आठ-नौ महीने में परियोजनाओं पर अमल होने लगा है।

उन्होंने पिछले वर्ष को अहम बताया। इस दौरान अधिकारों के विकेंद्रीकरण और जवाबदेही पर विशेष जोर दिया गया। इससे रेलवे की तमाम लंबित परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया। इसी तरह पूर्वी और पश्चिमी माल गलियारे पर काम की रफ्तार आशातीत ढंग से बढ़ गई है। दुर्गावती से सासाराम तक का सेक्शन तैयार भी हो गया है। इलाहाबाद-मुगलसराय सेक्शन पर भी बहुत तेजी से काम चल रहा है। इनके 2019 तक पूरा होने की आशा है। इससे दिल्ली-हावड़ा तथा दिल्ली-मुंबई के मार्ग पर यातायात काफी हद तक बेहतर हो जाएगा और इन गाडि़यों की रफ्तार तथा संख्या बढ़ाना संभव हो जाएगा। उन्होंने कहा सरकार 2020 तक मांग पर आरक्षण देने के उद्देश्य से काम कर रही है। हम चाहते हैं कि लोग जब चाहें तब उन्हें कन्फर्म टिकट मिले। मालगाडि़यों का संचालन भी यात्री गाडि़यों की भांति टाइम टेबल के अनुसार हो। इसके लिए सभी गाडि़यों की औसत रफ्तार दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा सोशल मीडिया और हेल्पलाइनों उपयोग से ग्राहकों के साथ मंत्रालय का सीधा संपर्क स्थापित हुआ है। रोजाना एक लाख यात्रियों को फोन करके सेवाओं, सुविधाओं के बारे में उनकी राय ली जा रही है। शिकायतों पर भी तुरंत एक्शन हो रहा है। महिलाओं के डिब्बों में सुरक्षा उपलब्ध कराने, साफ-सफाई तथा खानपान के मोर्चो पर भी अच्छा काम हुआ है। आरक्षित व अनारक्षित टिकट प्रणाली में सुधार के अलावा मोबाइल पर पेपरलेस टिकट, वेबसाइट पर रियायती टिकट उपलब्ध कराने की सुविधाएं भी प्रारंभ की गई है।

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