अफगान मुद्दे पर पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा बोले, खुले दिमाग से तालिबान से निपटे भारत

सिन्हा ने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों में भारत के लिए ज्यादा लगाव है जबकि पाकिस्तान उनके बीच लोकप्रिय नहीं है उन्होंने कहा कि भारत सरकार यह नहीं मान ले कि तालिबान खुद को पाकिस्तान की गोद में रख लेगा क्योंकि हर देश अपने हितों को लेकर आगे बढ़ता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Thu, 19 Aug 2021 11:48 PM (IST) Updated:Thu, 19 Aug 2021 11:48 PM (IST)
अफगान मुद्दे पर पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा बोले, खुले दिमाग से तालिबान से निपटे भारत
पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा की फाइल फोटो

नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि भारत को तालिबान से निपटने के लिए खुला दिमाग रखना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि देश को काबुल में अपना दूतावास खोलना चाहिए और अपने राजदूत को वापस भेजना चाहिए।

यह उल्लेख करते हुए कि अफगानिस्तान के लोगों में भारत के लिए बहुत ज्यादा लगाव है, जबकि पाकिस्तान उनके बीच लोकप्रिय नहीं है, उन्होंने कहा कि भारत सरकार यह नहीं मान ले कि तालिबान खुद को पाकिस्तान की गोद में रख लेगा, क्योंकि हर देश अपने हितों को लेकर आगे बढ़ता है।

वास्तविकता यह है कि तालिबान अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण कर चुका है। उन्होंने कहा कि भारत वेट एंड वाच की नीति अपनाए और उसके शासन को स्वीकार या अस्वीकार करने में कोई जल्दबाजी नहीं करे।

वर्ष 2021 का तालिबान वर्ष 2001 के तालिबान की तरह नहीं

पूर्व विदेश मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत को बड़ा देश होने के नाते तालिबान के साथ मुद्दों को विश्वास के साथ उठाना चाहिए और विधवा विलाप नहीं करना चाहिए कि पाकिस्तान का अफगानिस्तान पर कब्जा हो जायेगा या उसको वहां बढ़त मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2021 का तालिबान वर्ष 2001 के तालिबान की तरह नहीं है। कुछ अलग प्रतीत होता है। वे परिपक्व बयान दे रहे हैं। हमें उस पर ध्यान देना होगा।

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में विदेश मंत्री थे यशवंत सिन्हा

बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सिन्हा विदेश मंत्री थे, लेकिन वह मोदी सरकार के आलोचक हो गए और उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी। वर्तमान में वह तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं।

गौरतलब है कि भारत ने अफगानिस्तान में बढ़ते तनाव को देखते हुए मंगलवार को अपने राजदूत रूद्रेंद टंडन और काबुल दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुला लिया है। अफगानिस्तान से भारत अपने नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों को तेजी से निकालने में लगा हुआ है।

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