आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव एससी गर्ग बोले- आसानी से हटाए जा सकते हैं दो हजार के नोट
मोदी सरकार ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी का फैसला करते हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट को बंद करने और 500 रुपये तथा दो हजार रुपये के नये नोट जारी करने का फैसला किया था।
नई दिल्ली, आइएएनएस। आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव एससी गर्ग ने कहा है कि दो हजार के नोट आसानी से बाजार से हटाए जा सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि लोगों ने दो हजार के नोट जमा कर लिए हैं, जिसकी वजह से अब ये ज्यादा चलन में नहीं हैं। इन्हें बिना किसी बड़े व्यवधान के आसानी से बंद किया जा सकता है।
गर्ग ने कहा कि इस समय ज्यादा चलन में नहीं होने के चलते इनके बाजार से हटने पर किसी तरह की लेनदेन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।पूर्व सचिव ने कहा कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण एक बड़ी गलती थी। इसकी वजह से क्रेडिट का विस्तार नहीं हो पाया, जिससे नुकसान उठाना पड़ा।
गर्ग ने सरकार को यह सलाह भी दी है कि सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रम या तो बंद कर दिए जाएं या इन्हें निजी क्षेत्र को बेच दिया जाए। उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत पर भी बल दिया है। इसके लिए अच्छी नीतियां और कार्यक्रम बनाए जाने चाहिए। इसके अलावा गर्ग ने सरकार को टैक्स संबंधी घोषणाओं को बजट का हिस्सा नहीं बनाने का सुझाव भी दिया है।
बता दें कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को लेस-कैश बनाने के इरादे से नोटबंदी की थी लेकिन इसके बाद नकदी के चलन कम होने के बजाय काफी बढ़ गया है। इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि इस साल मार्च के अंत में चलन में बैंक नोटों का मूल्य बढ़कर 21,109 अरब रुपये हो गया है जबकि नोटबंदी के ठीक बाद मार्च 2017 में यह आंकड़ा 13,102 अरब रुपये था।
इस तरह महज दो साल में ही चलन में बैंक नोटों के मूल्य में भारी भरकम 61 फीसद की वृद्धि हो गयी है। खास बात यह है कि 500 रुपये के नोट का चलन बढ़ गया है जबकि 2000 रुपये के नोट के इस्तेमाल में कमी आ गई। वहीं, अभी लगभग कुछ महीने पहले खबर आई थी कि रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नए नोट की छपाई में भी भारी कटौती की है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी का फैसला करते हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट को बंद करने और 500 रुपये तथा दो हजार रुपये के नये नोट जारी करने का फैसला किया था।