भंडारा रेप कांड: फोरेंसिक टेस्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को नकारा

महाराष्ट्र के भंडारा जिले में तीन नाबालिग बहनों के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में शुक्रवार को फोरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट से नया मोड़ आ गया। तीन फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम में दो ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए दुष्कर्म और हत्या के दावे को नकार दिया है। विशेषज्ञों

By Edited By: Publish:Sat, 09 Mar 2013 09:33 AM (IST) Updated:Sat, 09 Mar 2013 09:35 AM (IST)
भंडारा रेप कांड: फोरेंसिक टेस्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को नकारा

मुंबई [विनोद कुमार मेनन]। महाराष्ट्र के भंडारा जिले में तीन नाबालिग बहनों के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में शुक्रवार को फोरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट से नया मोड़ आ गया। तीन फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम में दो ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए दुष्कर्म और हत्या के दावे को नकार दिया है। विशेषज्ञों ने इसे कुएं में डूबने से हुई मौत का सामान्य मामला बताया है।

मुरमाडी गांव में 16 फरवरी को घटना सामने आने के बाद से मामले के खुलासे का भारी दबाव झेल रही पुलिस ने डॉ. एसडी नानंदकर, प्रोफेसर डॉ. हरीश फटका और सीबीआइ के फोरेंसिक सलाहकार रहे डॉ. टीडी डोगरा की सेवाएं ली थीं। पुलिस सूत्रों के फोरेंसिक रिपोर्ट से भंडारा दुष्कर्म मामले में नए मोड़ के मुताबिक, डॉ. फटका और डॉ. डोगरा ने तीनों के साथ दुष्कर्म की बात नकारी है और पोस्टमार्टम के नतीजों पर कई सवाल खड़े किए। दोनों विशेषज्ञों और पुलिस ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की लेकिन कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।

विशेषज्ञों ने कहा, 'पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने मौत, शवों की तस्वीर लेने से 24 से 36 घंटे पहले होना बताया। लेकिन पानी में शव इतनी जल्दी नहीं सड़ता। लड़कियों की मौत तस्वीर लेने के 48 से 52 घंटे पहले हुई है।' दूसरा, 'विशेषज्ञों ने हत्या के बाद शव कुएं में फेंकने की बजाय इसे कुएं में डूबने से हुई मौत का मामला पाया, उनके मुताबिक कुएं में गिरने के पहले लड़कियां जिंदा थीं।' पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीनों से दुष्कर्म और दो के साथ अप्राकृतिक यौनाचार की बात कही गई थी। लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक, शवों के सड़ने की धीमी प्रक्रिया की वजह से ऊतक नर्म और बेहतर अवस्था में थे। हो सकता है कि निजी अंगों की जांच के दौरान कोई नुकसान पहुंचा हो और इसे यौन उत्पीड़न की वजह से मौत से पूर्व आई चोट मान लिया गया हो। पोस्टमार्टम की वीडियो फुटेज की जांच में भी पाया गया कि उस दौरान दोनों महिला डॉक्टर कंधे पर बैग लटकाए थीं और शरीर की चीरफाड़ करने वाला भी अप्रशिक्षित था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब विशेषज्ञों के समक्ष इसे दुर्घटनावश, आत्महत्या या कुएं में फेंक देने की घटना को साबित करने की चुनौती होगी। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी से पता चला है कि लड़कियों की चप्पल और कपड़ों से मिले मिट्टी के कण और कुएं की आसपास की मिट्टी एक ही थी। इससे लड़कियों की कहीं और हत्या के बाद कुएं में फेंक देने की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की बात भी संदेह के घेरे में आ गई है। तीन बहनें जिनकी उम्र छह, नौ और ग्यारह साल की थी 14 फरवरी से गायब हो गई थी। इन तीनों बहनें के साथ अज्ञात लोगों पर दुष्कर्म करने और हत्या का मामला दर्ज किया गया था। इन तीनों की लाश 16 फरवरी को भंडारा जिले के लाखिनी तालुका के मुरवाडी गांव में एक कुएं से मिली थी। इस मामले में पुलिस ने लगभग 500 लोगों से पूछताछ की थी। [मिड डे]

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