कस्टम अधिकारियों के लिए सिरदर्द बनी छापेमारी में जब्त की गई विदेशी शराब

अब कस्टम विभाग विदेशी शराब बेचने के लिए एफएसएसएआइ से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेगा अगर यह प्रमाणपत्र मिल जाता है तो ऑनलाइन नीलामी के जरिये इस शराब को बेच सकता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 11 Sep 2019 08:20 PM (IST) Updated:Wed, 11 Sep 2019 09:27 PM (IST)
कस्टम अधिकारियों के लिए सिरदर्द बनी छापेमारी में जब्त की गई विदेशी शराब
कस्टम अधिकारियों के लिए सिरदर्द बनी छापेमारी में जब्त की गई विदेशी शराब

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। जांच और छापेमारी में जब्त हुई विदेशी शराब कस्टम अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन गई है। इस शराब को कहां बेचा जाए या इसका निपटारा किस तरह किया जाए, अफसरों के लिए यह चुनौती बन गया है। यही वजह है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम (सीबीआइसी) ने लिकर डिस्पोजल कमेटी (एलडीसी) बनाने का फैसला किया है जो अब तक जब्त की गई विदेशी शराब के निपटारे का तरीका सुझाएगी।

जब्त की गई विदेशी शराब का निपटारा

सूत्रों ने बताया कि कस्टम विभाग के एडीशनल कमिश्नर या ज्वाइंट कमिश्नर रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में बनने वाली एलडीसी में तीन और अधिकारी शामिल होंगे। यह कमेटी जरूरत पड़ने पर बैठक करेगी और जब्त की गई विदेशी शराब का निपटारा कैसे किया जाए, इस बारे में अपने सुझाव देगी।

गोदामों में भारी मात्रा में विदेशी शराब
सीबीआइसी को यह कदम उठाने की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि कस्टम के गोदामों में भारी मात्रा में विदेशी शराब पड़ी है और इसका निपटारा नहीं हो पा रहा है। दरअसल अब तक कस्टम विभाग होटलों, रेस्टोरेंट, क्लब, इंडियन टूरिज्म डेवलेपमेंट कारपोरेशन (आइटीडीसी) और रक्षा मंत्रालय की सीएसडी कैंटीनों को यह शराब बेच देता था, लेकिन अब वे इसकी खरीद नहीं कर रहे हैं।

शराब खरीदने के लिए मंजूरी नहीं मिल रही
सीएसडी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं जबकि होटलों, रेस्टोरेंट और क्लब को कस्टम विभाग से यह शराब खरीदने के लिए स्टेट एक्साइज डिपार्टमेंट और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) से मंजूरी नहीं मिल रही है। वहीं, स्टेट एक्साइज अधिकारी इस शराब को बेचने की अनुमति भी नहीं दे रहे हैं।

कस्टम के क्षेत्रीय अधिकारियों ने जब यह मामला बोर्ड के संज्ञान में लाया तो सीबीआइसी ने सीएसडी और एफएसएसएआइए के साथ इसकी चर्चा की। सीएसडी ने बोर्ड को दो टूक कह दिया कि वे विदेशी ब्रांड की शराब बड़ी मात्रा में सीधे खरीद रहे हैं और कस्टम के पास पड़ी जब्त विदेशी शराब को खरीदने की स्थिति में नहीं हैं।

जब्त की गई विदेशी शराब को बाजार में नहीं बेचा जा सकता
एफएसएसएआइ ने साफ कहा कि गुणवत्ता की जांच और अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त किए बगैर जब्त की गई विदेशी शराब को सेवन के लिए बाजार में नहीं बेचा जा सकता। अगर कस्टम विभाग इसे बाजार में बेचना चाहता है तो उसे 100 एमएल के दो सेंपल उसके पास भेजने होंगे जिनकी प्रयोगशाला में जांच की जाएगी। अगर ये सेंपल एफएसएसएआइ की जांच में फेल हो जाते हैं तो कस्टम को पूरे स्टॉक को नष्ट करना होगा।

विदेशी शराब के निपटारे के लिए एलडीसी गठित
यही वजह है कि सीबीआइसी ने बुधवार को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी कर विदेशी शराब के निपटारे के लिए एलडीसी गठन करने का फैसला किया। अब कस्टम विभाग विदेशी शराब बेचने के लिए एफएसएसएआइ से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेगा और अगर उन्हें यह प्रमाणपत्र मिल जाता है तो विभाग ऑनलाइन नीलामी के जरिये इस शराब को बेच सकता है। अगर अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं मिलता है तो उस शराब को नष्ट कर दिया जाएगा। 

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