शिंदे के बयान की जांच फाइल मंत्रालय से गायब

राज्य सभा में दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग का नाम सार्वजनिक करने के मामले में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के खिलाफ कथित जांच की फाइल मंत्रालय से 'गायब' हो गई है। एक आरटीआइ पर छह महीने तक चुप्पी साधे रहने के बाद अब गृह मंत्रालय ने मुख्य सूचना आयुक्त को बताया है कि संबंधित फाइल मंत्रालय में नहीं मिल रही है। सू

By Edited By: Publish:Sun, 23 Feb 2014 08:07 PM (IST) Updated:Sun, 23 Feb 2014 10:14 PM (IST)
शिंदे के बयान की जांच फाइल मंत्रालय से गायब

नई दिल्ली। राज्य सभा में दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग का नाम सार्वजनिक करने के मामले में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के खिलाफ कथित जांच की फाइल मंत्रालय से 'गायब' हो गई है। एक आरटीआइ पर छह महीने तक चुप्पी साधे रहने के बाद अब गृह मंत्रालय ने मुख्य सूचना आयुक्त को बताया है कि संबंधित फाइल मंत्रालय में नहीं मिल रही है।

सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत जानकारी मुहैया न कराने पर गृह मंत्रालय को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सूचना आयुक्त विजय शर्मा ने कहा था,'सुनवाई और मौजूद रिकार्ड से साफ है कि प्रतिवादी (गृह मंत्रालय) ने कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया है।' सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय आरटीआइ आवेदन का जवाब न दे पाने का कोई कारण नहीं बता पाया। आयुक्त के और पूछने पर केंद्रीय जन सूचना अधिकारी ने सिर्फ इतना कहा कि फाइल न मिल पाने के कारण वह आरटीआइ का जवाब नहीं दे पाए।

पिछले साल 1 मार्च को गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने राज्य सभा में महाराष्ट्र के भंडारा की दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग का नाम सार्वजनिक कर दिया था। हालांकि, नेता विपक्ष अरुण जेटली के इस गलती की ओर इशारा करने पर इसे सदन की कार्यवाही से बाहर कर दिया गया था। बाद में पत्रकारों के पूछने पर शिंदे ने कहा था कि उन्होंने गृह सचिव को यह जांच करने का आदेश दिया है कि राज्य सभा में उनके बयान में पीड़िता का नाम कैसे आया।

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