लड़कियों के लिए हमेशा रहने वाला घाव है खतना : सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने कहा है कि नाबालिग लड़कियों का खतना करके उन्हें हमेशा के लिए एक तरह का मानसिक और भावनात्मक घाव दे दिया जाता है।

By Arti YadavEdited By: Publish:Tue, 28 Aug 2018 08:01 AM (IST) Updated:Tue, 28 Aug 2018 08:34 AM (IST)
लड़कियों के लिए हमेशा रहने वाला घाव है खतना : सुप्रीम कोर्ट
लड़कियों के लिए हमेशा रहने वाला घाव है खतना : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय की नाबालिग लड़कियों का खतना करके उन्हें हमेशा के लिए एक तरह का मानसिक और भावनात्मक घाव दे दिया जाता है। यह प्रथा महिलाओं के सम्मान और अधिकारों के खिलाफ है, जो उन्हें संविधान से मिला है।

सोमवार को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि लंबे समय से चली आ रही किसी धार्मिक प्रथा को संवैधानिक मान लिया जाए। आप इस तरह से प्रथा के नाम पर किसी भी शख्स को जख्म नहीं दे सकते। पतियों के लिए जवान लड़कियों पर ऐसी प्रथा नहीं थोपी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट से लड़कियों का खतना किए जाने की प्रथा पर भारत में पूरी तरह से बैन लगाने की मांग की गई है। इससे पहले 30 जुलाई को कोर्ट ने कहा था कि महिलाओं का जीवन केवल शादी और पति के लिए नहीं होता।

दाउदी बोहरा मुसलमानों में महिलाओं के खतना प्रथा को सुप्रीम कोर्ट स्वास्थ्य, नैतिकता और व्यवस्था के लिहाज से तय संवैधानिक सिद्धांतों पर परखेगा। कोर्ट ने प्रथा पर सवाल उठाते हुए ये भी कहा कि ये प्रचलन महिलाओं की गरिमा को चोट पहुंचाता है। पति को खुश करने के लिए महिला ऐसा करे तो क्या इससे पुरुष वर्चस्व नहीं झलकता?

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