उड़ी हमला: दोनों पाक नागरिकों की हुई वतन वापसी, NIA नहीं जुटा पाई थी सबूत

सेना को दिए दोनों युवकों अवान और खुर्शीद ने बताया था कि वह जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर के आदेश पर उरी हमले के आतंकियों की भारत में घुसने में मदद की थी।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Thu, 09 Mar 2017 07:03 PM (IST) Updated:Fri, 10 Mar 2017 02:41 PM (IST)
उड़ी हमला: दोनों पाक नागरिकों की हुई वतन वापसी,  NIA नहीं जुटा पाई थी सबूत
उड़ी हमला: दोनों पाक नागरिकों की हुई वतन वापसी, NIA नहीं जुटा पाई थी सबूत

नई दिल्ली, जेएनएन। आतंकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए फैसल अवान और अहसान खर्शीद को एनआई ने छोड़ दिया है। एनआईए उनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाई जिस वजह से उनको रिहा करना पड़ा। इसके बाद इन दोनों को पाकिस्तान रवाना कर दिया गया।

सेना को दिए दोनों युवकों अवान और खुर्शीद ने बताया था कि वह जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर के आदेश पर उरी हमले के आतंकियों की भारत में घुसने में मदद की थी। सेना को दिए बयान में अवान ने अपनी उम्र 20 साल बताई थी। उसने कहा था कि वह गुल अकबर का बेटा है। खुर्शीद ने अपनी उम्र 19 साल बताई थी और अपने पिता का नाम चौधरी खर्शीद बताया था। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि ये दोनों लड़के अभी बालिग नहीं है। इनमें से एक 10वीं का छात्र है।

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसके बाद 21 सितंबर को इन दोनों युवकों अवान और खुर्शीद को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, इन दोनों युवकों को रिहा करने के बाद उरी हमले की जांच एनआईए जारी रखेगी।

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