एक हफ्ते में पांच लाख से अधिक केस, देश में इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा संक्रमण विशेषज्ञों ने बताई वजह
देश में एक हफ्ते के भीतर ही पांच लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। देश में इतनी तेजी से संक्रमण के मामले क्यों बढ़ रहे हैं आइये जानते हैं क्या कहते हैं विशेषज्ञ ...
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो एक हफ्ते के भीतर ही पांच लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक संख्या में जांच, अर्थव्यवस्था का फिर से खुलना और कोरोना खतरे को लेकर लोगों का लापरवाह रवैया इसकी मूल वजह है। आइए जानते हैं विशेषज्ञों ने इस बारे में क्या बातें कही हैं...
बिना लक्षण वाले मरीजों से बड़ा खतरा
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख डॉ. समिरन पांडा ने कहा कि मामलों में यह वृद्धि अपेक्षित थी लेकिन सभी राज्यों में यह स्थिति समान नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में ऐसा हो रहा है और उन समूहों के बीच देखने को मिल रहा है जहां संवेदनशील आबादी तथा बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले लोगों का मिश्रण है जिससे संक्रमण फैल रहा है।
लापरवाही भी बड़ी वजह
डॉ. समिरन पांडा ने कहा कि इन क्षेत्रों में इस संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे। भले ही जांच अत्यधिक बढ़ा दी गई हैं जिससे ज्यादा मामलों का पता भी चल रहा है। लेकिन इसके अलावा अर्थव्यवस्था के खुलने और लोगों की आवाजाही बढ़ने से लोगों में संक्रमण संबंधी व्यवहार को लेकर आत्मसंतुष्टि की भावना पैदा हो रही है जिससे मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
सरकार के स्तर पर रोकथाम संभव नहीं
भारतीय चिकित्सा संघ (आइएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा, 'इस स्तर पर सरकार के प्रयासों से मामलों की संख्या पर लगाम लगाने का कोई तरीका नहीं है।' उन्होंने कहा कि अब व्यक्तिगत स्तर पर ही रोकथाम संभव है। उन्होंने कहा, 'अगर मौजूदा रूझान जारी रहा तो भारत (संक्रमण के मामलों में) ब्राजील और अमेरिका को पीछे छोड़ देगा । अगले छह हफ्ते में ऐसा होने की आशंका है।'
मामलों में इजाफा होगा
अग्रवाल ने कहा, 'अर्थव्यवस्था खुलने से मामलों में इजाफा होगा। लॉकडाउन लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए तैयार करने और संवेदनशील बनाने के लिए था। इस समय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि मृत्यु दर की रोकथाम की जाए। इसलिए सरकार के प्रयास मृत्युदर को कम करने की दिशा में होने चाहिए।'