2030 तक विश्व का हर पांचवां व्यक्ति हिंदी जानने-समझने वाला होगा

वर्तमान में 1 अरब 30 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं। जबकि आबादी के मान से विश्व का सबसे ब़़डा देश होने के बावजूद चीन की मंदारिन भाषा एक अरब लोग बोलते हैं।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Thu, 14 Sep 2017 09:07 AM (IST) Updated:Thu, 14 Sep 2017 02:36 PM (IST)
2030 तक विश्व का हर पांचवां व्यक्ति हिंदी जानने-समझने वाला होगा
2030 तक विश्व का हर पांचवां व्यक्ति हिंदी जानने-समझने वाला होगा

इंदौर (रमनी घोष/नईदुनिया)। वर्ष 2030 तक विश्व का हर पांचवां व्यक्ति हिंदी बोलने, समझने या जानने लगेगा। इसमें मध्यप्रदेश, छत्तीसग़़ढ और उत्तरप्रदेश जैसे हिंदी भाषषी प्रदेशों का विशेषष योगदान होगा। इन राज्यों से विदेश जाने वाले पेशेवर और विद्यार्थियों की संख्या ज्यों-ज्यों ब़़ढेगी, हिंदी का विस्तार भी उतना ही ज्यादा होगा।

यह आकलन है मुंबई यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. करणाशंकर उपाध्याय का। वे हिंदी भाषषा पर विश्वव्यापी शोध करने के साथ ही इसे संयुक्त राष्ट्र संघ में दर्जा दिलाने और सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में हिंदी में फैसला सुनाए जाने व बहस की अनुमति दिए जाने की मुहिम से भी जु़डे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 1 अरब 30 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं। जबकि आबादी के मान से विश्व का सबसे ब़़डा देश होने के बावजूद चीन की मंदारिन भाषा एक अरब लोग बोलते हैं। इसके बाद क्रमश: अंग्रेजी (60 करोड़), अरबी (42 करोड़), फ्रेंच (21-22 करोड़), रूसी (18 करोड़) बोली-समझी जाती है।

रोचक तथ्य

- 30 करोड़ आबादी वाले अमेरिका में 2.5 करोड़ आबादी हिंदी बोलती-समझती है।

-1.5 करोड़ भारतीय समेत हिंदी बोलने-समझने वाले एशियाई मूल के लोग।

-पेशे के कारण इनके संपर्क में आए 10 फीसदी अमेरिकी भी।

- भारत में 78 फीसदी लोग हिंदी समझते-बोलते हैं। मध्यप्रदेश में हिंदी को ब़़ढावा देने के लिए यह प्रयोग मप्र में मेडिकल, इंजीनियरिंग और लॉ सहित सभी विषय हिंदी में प़़ढाए जाने की संकल्पना लेकर भोपाल में खोली गई अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी यूनिवर्सिटी में इस तरह के कई प्रयोग चल रहे हैं। वर्तमान में यहां लगभग 700 विद्यार्थी प़़ढ रहे हैं।

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