श्रीनगर: बड़े आत्मघाती हमले की साजिश नाकाम, तीन आतंकी ढेर, एक पत्थरबाज की मौत
एक बड़े आत्मघाती हमले को अंजाम देने घुसे तीन विदेशी आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया।
श्रीनगर (राज्य ब्यूरो)। ग्रीष्मकालीन राजधानी में दरबार खुलने के मौके पर एक बड़े आत्मघाती हमले को अंजाम देने घुसे तीन विदेशी आतंकियों को सुरक्षाबलों ने शनिवार को शहर के छत्ताबल इलाके में मार गिराया। इस दौरान सीआरपीएफ के एक असिस्टेंट कमांडेंट समेत तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। इस बीच, मुठभेड़ में फंसे आतंकियों को बचाने के लिए मुठभेड़ स्थल पर जमा पत्थरबाजों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़पों में एक पत्थरबाज की मौत हो गई जबकि तीन प्रैस छायाकारों समेत 25 लोग जख्मी हो गए। अफवाहों पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने श्रीनगर समेत वादी के विभिन्न इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया। इसके साथ ही सभी संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा भी लागू कर दी गई।
गौरतलब है कि सुरक्षाबलों को लगातार अपने तंत्र से खबर मिल रही थी कि अपने कैडर के लगातार मारे जाने से हताश आतंकी संगठन सोमवार सात मई को श्रीनगर में नागरिक सचिवालय जिसे स्थानीय स्तर पर दरबार कहते हैं, के खुलने के मौके पर या उससे पहले किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। आतंकी साजिश को नाकाम बनाने के लिए सुरक्षाबल लगातार श्रीनगर के भीतरी और बाहरी इलाकों में आतंकियों के संभावित ठिकानों पर दबिश दे रहे थे।
मुठभेड़ छत्ताबल डाऊन-टाऊन के गासी मोहल्ले में आज तड़के करीब तीन बजे शुरु हुई।स्थानीय सूत्रों की मानें तो पांच आतंकी आधी रात के बाद अपने किसी संपर्क सूत्र के पास आए थे। इसका पता चलते ही राज्य पुलिस विशेष अभियान दल एसओजी के जवानों ने सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर गासी मोहल्ले की घेराबंदी करते हुए तलाशी शुरु की। आतंकियों ने जवानों को अपने ठिकाने के पास आते देख, फायरिंग कर दी। जवानों ने तुरंत अपनी पोजीशन ली और जवाबी फायर किया। इसके साथ ही वहां मुठभेड़ शुरू हो गई।
जवानों ने आतंकी ठिकाना बने मकान के साथ सटे मकानों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालते हुए आतंकियों को मार गिराने का अभियान जारी रखा। इसी दौरान सीआरपीएफ की 29वीं वाहिनी का एक असिस्टेंट कमांडेंट गोली लगने से जख्मी हो गया। दो अन्य सुरक्षाकर्मी भी मुठभेड़ के दौरान जख्मी हो गए।सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान कई बार लाऊड-स्पीकरों पर एलान करते हुए आतंकियों का सरेंडर के लिए कहा। लेकिन आतंकियों ने फायरिंग जारी रखी।
दोपहर 12 बजे आतंकियों की तरफ से अंतिम गोली चली। करीब 15 मिनट तक आतंकियों की तरफ से फायर न होने पर जवानों ने सावधानीपूर्वक आगे बढ़ते हुए उनके ठिकाने की तलाशी लेते हुए गोलियों से छलनी तीन शव बरामद किए।
इस बीच, मुठभेड़ की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में शरारती तत्व भी मुठभेड़स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने सुरक्षाबलों को आतंकियों पर जवाबी फायर से रोकते हुए पथराव शुरू कर दिया। इस पर सुरक्षाबलों को भी उन्हें खदेड़ने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। इसके साथ ही छत्ताबल, कमरवारी, बेमिना, नूरबाग,सफाकदल, सिमेंटकदल छत्ताबल, सौरा समेत विभिन्न इलाकों में हिंसक झड़पों का दौर शुरु हो गया। पथराव में तीन प्रैस छायाकार फारुक जावेद, जावेद डार और उमर आसिफ भी पत्थर लगने से जख्मी हो गए। हिंसक झड़पों में 25 लोग जख्मी हैं और इस समय यह सभी एसएमएचएस अस्पताल में उपचाराधीन हैं। इसी दौरान नूरबाग इलाके में पथराव के दौरान मची भगदड़ में आदिल अहमद नामक एक युवक वहां से गुजर रहे एक वाहन के साथ टकराने से जख्मी हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया,जहां उसकी मौत हो गई।स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि वह सुरक्षाबलों के एक वाहन के साथ टकराया है,जबकि पुलिस और सीआरपीएफ ने इससे इंकार किया है।
राज्य पुलिस महानिदेशक डा एसपी वैद और आईजीपी कश्मीर डा एसपी पाणि ने तीनों आतंकियाें के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि यह शहर में एक बड़ा हमला अंजाम देने आए थे।फिलहाल,तीनों की पहचान का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।