चुनाव ड्यूटी से बचने को फेल हो गए 323 अफसर, भुगतना होगा इसका परिणाम!

बीते 18 अगस्त को मध्य प्रदेश के भोपाल सहित पांच केंद्रों पर आयोग ने आइएएस, राज्य प्रशासनिक सेवा और कनिष्ठ राजस्व सेवा के अधिकारियों की परीक्षा ली।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 09:28 AM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 09:28 AM (IST)
चुनाव ड्यूटी से बचने को फेल हो गए 323 अफसर, भुगतना होगा इसका परिणाम!
चुनाव ड्यूटी से बचने को फेल हो गए 323 अफसर, भुगतना होगा इसका परिणाम!

भोपाल (नईदुनिया)। चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए अधिकारी तरह-तरह के जतन करते हैं। कोई बीमारी का बहाना बनाता है तो कोई कुछ और समस्या गिनाता है, लेकिन इस बार नई बात सामने आ रही है। रिटर्निंग और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर बनाने से पहले चुनाव आयोग ने पात्रता परीक्षा लेने की प्रक्रिया शुरू की है। बीते 18 अगस्त को मध्य प्रदेश के भोपाल सहित पांच केंद्रों पर आयोग ने आइएएस, राज्य प्रशासनिक सेवा और कनिष्ठ राजस्व सेवा के अधिकारियों की परीक्षा ली।

इसमें 561 अधिकारी बैठे और सिर्फ 42 फीसद यानी 238 ही पास हुए। 323 को अपात्र पाया गया। इन अधिकारियों को इस माह के अंत में एक बार और मौका दिया जाएगा। इसके बाद भी यदि ये उत्तीर्ण नहीं होते हैं तो राज्य सरकार को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। मालूम हो, नई व्यवस्था के तहत परीक्षा में पास (प्रमाणिकरण) होने पर ही अफसरों की चुनाव में ड्यूटी लगाई जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने परीक्षा में चुनाव संचालन से जुड़े बेहद सामान्य 10 सवाल पूछे थे। परीक्षा से पहले अधिकारियों को राज्य स्तरीय कार्यशाला में प्रशिक्षण भी दिया गया। परीक्षा में किसी प्रकार की धांधली न हो, इसके मद्देनजर आयोग ने खुद प्रश्नपत्र तैयार किए और अपने अधिकारियों को भेजकर परीक्षा कराई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक जो नतीजे आए हैं, वे निराशाजनक हैं। परीक्षा में संयुक्त और डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार व नायब तहसीलदार सहित 561 ने हिस्सा लिया। इसमें से 238 ही आयोग के पैमाने पर खरे उतरे। 323 चुनाव ड्यूटी में लगाने के योग्य नहीं पाए गए। प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि अधिकारी चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए खुद परीक्षा में पास नहीं हो रहे हैं।

दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन 'नईदुनिया' ने सोमवार को नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस मुद्दे पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव से सवाल पूछा। उन्होंने यह तो स्वीकार नहीं किया कि अधिकारी जानबूझकर फेल हो रहे हैं पर इतना जरूर कहा कि दोबारा मौका दिए जाने के बाद भी यदि अधिकारियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहता है तो कार्रवाई के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए 70 फीसद अंक हासिल करना जरूरी है। सितंबर के अंतिम सप्ताह में एक बार फिर परीक्षा होगी। इसमें वे अधिकारी शामिल होंगे जो 18 अगस्त को आयोजित परीक्षा में हिस्सा नहीं ले पाए थे या पास नहीं हो सके थे।

कुछ इस तरह के पूछे गए थे सवाल

- नामांकन पत्र किन हालातों में निरस्त करेंगे?

- निर्वाचन व्यय की सही जांच कैसे करेंगे और उम्मीदवारों की गलती कैसे पकड़ेंगे?

- संपत्ति विरूपण मामले में कार्रवाई करने का क्या नियम है?

- वीवीपैट किस तरह प्रमाणित करती है कि जिसे वोट डाला उसी को मिला या नहीं?

- चुनाव वाहन की किस आधार पर अनुमति देंगे?

- जमानत राशि कैसे लौटाएंगे, इसकी प्रक्रिया क्या होगी?

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