सरकार की इस नीति से प्रभावित होकर 8 लाख के इनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण

आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि वह प्रतिबंधित नक्सल संगठन में कोंटा क्षेत्र के अंतर्गत पिछले 23 वर्षों से काम कर रहा था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Thu, 13 Sep 2018 03:58 PM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 03:59 PM (IST)
सरकार की इस नीति से प्रभावित होकर 8 लाख के इनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
सरकार की इस नीति से प्रभावित होकर 8 लाख के इनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण

जगदलपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के बस्तर में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सुकमा जिले में सक्रीय रहे 8 लाख रूपये के इनामी नक्सली वेट्टी रामा ने गुस्र्वार को बस्तर रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा के समक्ष अपने इंसास हथियार के साथ आत्म समर्पण किया। इस दौरान वेट्टी ने कहा कि नक्सली जिस विचारधारा की बात कर युवाओं को हिंसा की ओर धकेल रहे हैं, वह पूरी तरह खोखली है।

23 वर्षों तक संगठन में सक्रिय रहने के बाद वेट्टी को यह अनुभव हुआ कि नक्सलवादी विचारधारा पूरी तरह विध्वंशकारी है और इस तरह उसने समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण करने वाले वेट्टी को पत्रकारों से रू-ब-रू कराते हुए आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि वह प्रतिबंधित नक्सल संगठन में कोंटा क्षेत्र के अंतर्गत पिछले 23 वर्षों से काम कर रहा था।

उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट व अन्य मामलों में अलग-अलग थानों में 19 मामले दर्ज हैं। वह साल 2006 में कोंटा क्षेत्र में नागा बटालियन के जवानों से भरे वाहन में आइइडी ब्लास्ट करने, 2007 में उरपलमेंटा में एंबूस की घटना, साल 2008 में भेज्जी थाना क्षेत्र में पुलिस पार्टी पर हमला करने, साल 2014 में कसालपाड़ मुठभेड़, साल 2017 में भेज्जी में एंबूस लगाने सहित कई अन्य घटनाओं में शामिल रहा है। प्रेस वार्ता के दौरान आइजी विवेकानंद सिन्हा के साथ, डिप्टी आइजी रतन डांगी, सीआरपीएफ के डिप्टी आईजी एस एलेंगो, सुकमा के एसपी अभिषेक मीणा सहित बस्तर रेंज के अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

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