नीरव मोदी के घर पर ईडी के छापे, 5716 करोड़ की संपत्ति जब्त
ईडी के अधिकारियों ने इसके अलावा मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, ठाणे, कोलकाता, दिल्ली और लखनऊ समेत कई शहरों में 38 ठिकानों पर छापे मारे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। 11,400 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में जांच एजेंसियों द्वारा तलाशी और पूछताछ का सिलसिला पांचवें दिन भी जारी रहा। ईडी के अधिकारियों ने सोमवार को घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के मुंबई स्थित घर पर छापा मारकर 5,716 करोड़ की संपत्ति जब्त की। इनमें हीरे, सोने के गहने और अन्य आभूषण शामिल हैं।
ईडी के अधिकारियों ने इसके अलावा मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, ठाणे, कोलकाता, दिल्ली और लखनऊ समेत कई शहरों में 38 ठिकानों पर छापे मारे। इन छापों के दौरान नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और अन्य लोगों के ठिकानों से 22 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। जांच की समीक्षा करने और अधिकारियों को जरूरी निर्देश देने के लिए ईडी निदेशक कर्नल सिंह खुद मुंबई पहुंच गए। सोमवार की शाम को वे मुंबई से एफएटीएफ की बैठक में भाग लेने पेरिस चले जाएंगे। इसके अलावा सीबीआइ ने पीएनबी के ब्रैडी हाऊस ब्रांच की तलाशी ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने भी पीएनबी के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब कर सात साल से चल घोटाले के नहीं पकड़े जाने पर सफाई मांगी है।
बड़े अधिकारियों के शामिल होने की आशंका
घोटाले के पीछे आपराधिक साजिश की जांच में जुटी सीबीआइ की टीम पीएनबी और नीरव मोदी की कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ करती रही। पीएनबी के गिरफ्तार तीन अधिकारियों के साथ-साथ घोटाले से जुड़े ब्रैडी हाउस ब्रांच के 13 अधिकारियों से पूछताछ की गई। इनमें महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। दूसरे दिन भी इस ब्रांच की तलाशी का काम जारी रहा। सीबीआइ ने रविवार को इस ब्रांच की तलाशी शुरू की थी। सीबीआइ को आशंका है कि इस घोटाले में पीएनबी के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। घोटाले के मुख्य आरोपी गोकुल नाथ शेट्टी की एक ही स्थान पर 11 वर्षो तक तैनाती से इस आशंका को बल मिलता है।
नीरव की कंपनी के अधिकारियों से भी पूछताछ
सीबीआइ की टीम ने नीरव मोदी की कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों से भी पूछताछ की हैं। इनमें वाइस प्रेसिडेंट फाइनांस विपुल अंबानी भी शामिल है। विपुल अंबानी तीन साल से इस पद पर तैनात है और माना जा रहा है कि उसे नीरव मोदी की कंपनियों के लेन-देन की सारी जानकारी थी। इसके साथ ही सीएफओ रवि गुप्ता, इंटरनेशल फाइनांस डिविजन के प्रेसिडेंट सौरभ शर्मा और फाइनांस में ही एक्जक्यूटिव के पद पर तैनात सुभाष परब से भी पूछताछ की गई।
सीवीसी ने पीएनबी के अधिकारियों को किया तलब
केंद्र सरकार के विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सतर्कता की निगरानी करने वाले केंद्रीय सतर्कता आयोग ने पीएनबी के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया। सीवीसी मुख्यालय में पीएनबी अधिकारी लगभग दो घंटे तक घोटाले पर सफाई देते रहे। मुख्य सतर्कता आयुक्त केबी चौधरी और सतर्कता आयुक्त टीएम भसीन के साथ-साथ वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे। पीएनबी अधिकारियों ने सीवीसी को बताया कि किस तरह से एक ब्रांच में बैठे कुछ अधिकारी बैंकिंग प्रणाली की खामियों का लाभ उठाकर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों को एलओए और एलसी जारी करता रहा। जैसे ही पीएनबी को पता चला, उसने तत्काल सीबीआइ से शिकायत की।