पूर्व व्यापी भुगतान की स्थिति को ट्रैक करने के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस स्थापित करने की तैयारी में चुनाव आयोग

राष्ट्रीय स्तर के डेटाबेस के साथ सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) को भी चुनाव आयोग द्वारा ऐसे सभी दावों को ट्रैक करने के लिए कहा गया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 04:25 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 04:25 PM (IST)
पूर्व व्यापी भुगतान की स्थिति को ट्रैक करने के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस स्थापित करने की तैयारी में चुनाव आयोग
पूर्व व्यापी भुगतान की स्थिति को ट्रैक करने के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस स्थापित करने की तैयारी में चुनाव आयोग

नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) अपने भूतपूर्व कर्मचारियों के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर डेटाबेस स्थापित करने की योजना बना रहा है। यह डेटाबेस पूर्व-व्यापी भुगतान की स्थित को ट्रैक करने के लिए है, जो कर्मचारी ड्यूटी के दौरान घायल हो गए थे या अपनी जान गंवा बैठे थे।

राष्ट्रीय स्तर के डेटाबेस के साथ सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) को भी चुनाव आयोग द्वारा ऐसे सभी दावों को ट्रैक करने के लिए कहा गया है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, ईसीआइ चुनाव संबंधी ड्यूटी करते समय अपनी जान गंवाने वालों के लिए पूर्व भुगतानों को ट्रैक करने के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस स्थापित करना चाहता है।

बता दें कि दिवंगत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान रमेश कुमार की पत्नी प्रमिला देवी के मामले के बाद यह कदम तेजी से बढ़ाया गया। 2002 में जम्मू और कश्मीर चुनावों के दौरान रमेश कुमार ने एक आतंकवादी हमले के बाद चोटों के कारण दम तोड़ दिया था।

हाल ही में दिवंगत जवान रमेश कुमार की पत्नी प्रमिला देवी ने चुनाव आयोग को एक ईमेल के माध्यम से कहा था कि उन्हें पूर्व-व्यापी भुगतान के रूप में अभी तक 5 लाख रुपये प्राप्त नहीं हुए थे, जिसकी वो एकदम सही हकदार थीं। प्रमिला देवी के पत्र के बाद चुनाव आयोग ने बिना किसी और देरी के उसे तुरंत धनराशि प्राप्त करने के लिए एक्शन लिया और उसके खाते में 15 लाख रुपये भी स्थानांतरित कर दिए।

सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने तब राज्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को यह जांचने के लिए निर्देश दिया था कि क्या इस तरह के मामले अभी भी उनके अधिकार क्षेत्र में लंबित हैं।

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