कोलंबिया की विदेश मंत्री से जयशंकर ने की व्यापक वार्ता

कोलंंबिया और भारत के विदेश मंत्रियों ने जैव प्रौद्योगिकी और चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग के लिए दो आशय पत्रों पर हस्ताक्षर किए। जैव प्रौद्योगिकी विभाग और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने इन आशय पत्रों पर अपने कोलंबियाई समकक्षों के साथ हस्ताक्षर किए।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 04:36 AM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 04:36 AM (IST)
कोलंबिया की विदेश मंत्री से जयशंकर ने की व्यापक वार्ता
कोलंबिया की विदेश मंत्री से जयशंकर की व्यापक वार्ता

नई दिल्ली, प्रेट्र। विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने भारत दौरे पर आईं कोलंबिया (Colombia) की विदेश मंत्री मार्ता लूसिया रामिरेज (Lucia Ramijez)  के साथ शनिवार को स्वास्थ्य, दवा, जैव प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान देने के साथ व्यापक बातचीत की।

रामिरेज कोलंबिया की उपराष्ट्रपति भी हैं। वे तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को भारत पहुंची। स्वास्थ्य और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञों और अधिकारियों का 48 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी रामिरेज के साथ आया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि बैठक के दौरान आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। मंत्रालय के मुताबिक वार्ता में जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुधारों के संबंध में भारत की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया और दोनों पक्ष बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग मजबूत करने के लिए सहमत हुए।

भारत और कोलंबिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार में लगातार वृद्धि हुई है। कोरोना के कारण आए व्यवधानों के बावजूद 2020-21 में 2.27 अरब डालर का व्यापार हुआ। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, दवा और आटोमोबाइल क्षेत्रों में व्यापार और निवेश को और बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।

मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने जैव प्रौद्योगिकी और चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग के लिए दो आशय पत्रों पर हस्ताक्षर किए। जैव प्रौद्योगिकी विभाग और भारतीय आयुíवज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने इन आशय पत्रों पर अपने कोलंबियाई समकक्षों के साथ हस्ताक्षर किए।

रामिरेज के आगमन से पहले कोलंबिया के स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा मंत्री लुइज फर्नांडो रुइज के नेतृत्व में एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल ने 27 से 30 सितंबर तक पुणे, हैदराबाद और बेंगलुरु का दौरा किया था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने टीकों और दवा उत्पादों के विकास में सह-उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के उद्देश्य से इन शहरों में उत्कृष्टता केंद्रों और दवा कंपनियों के परिसरों का दौरा किया।

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