यूपी के खूंखार अपराधी विकास दुबे की चंबल के बीहड़ों में तलाश, एमपी की पुलिस अलर्ट

पहले भी विकास ग्वालियर-चंबल में फरारी काट चुका है लेकिन इस संबंध में स्थानीय पुलिस अधिकारियों के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 09:47 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 09:47 PM (IST)
यूपी के खूंखार अपराधी विकास दुबे की चंबल के बीहड़ों में तलाश, एमपी की पुलिस अलर्ट
यूपी के खूंखार अपराधी विकास दुबे की चंबल के बीहड़ों में तलाश, एमपी की पुलिस अलर्ट

ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। यूपी के खूंखार अपराधी विकास दुबे की मप्र के ग्वालियर-चंबल के बीहड़ों में तलाश की जा रही है। दुबे व उसके गुर्गो ने कानपुर के बिकरू गांव में उप्र पुलिस के सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर देश में हड़कंप मचा दिया है। विकास की अंतिम लोकेशन उप्र के औरेया मिलने के बाद वहां की पुलिस ने मप्र पुलिस को सूचना दी थी कि वह दोनों प्रदेशों की सीमाओं पर स्थित चंबल के बीहड़ों में शरण ले सकता है। इसके बाद उसे दबोचने के लिए ग्वालियर-चंबल रेंज पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन शुरू हो गया है।

विकास दुबे पर ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित

विकास दुबे पर उप्र पुलिस ने ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। विकास दुबे के चंबल की सीमा में प्रवेश करने की कोई पुख्ता जानकारी होने से दोनों रेंजों के अधिकारी आधिकारिक रूप से इन्कार कर रहे हैं। एडीजीपी (ग्वालियर रेंज) राजाबाबू सिंह इतना अवश्य स्वीकार कर रहे हैं उप्र पुलिस ने विकास दुबे के ग्वालियर-चंबल रेंज में शरण लेने की आशंका अवश्य जताई है। इसी सूचना पर दोनों रेंजों की पुलिस अलर्ट है। सीमावर्ती गांवों के साथ मार्गो की नाकेबंदी कर निगरानी की जा रही है।

पहले भी अंचल में काटी फरारी

उप्र पुलिस को पड़ताल में पता चला है कि पहले भी विकास ग्वालियर-चंबल में फरारी काट चुका है, लेकिन इस संबंध में स्थानीय पुलिस अधिकारियों के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। उप्र पुलिस की मदद से स्थानीय पुलिस यह पता लगा रही है कि ग्वालियर-चंबल रेंज में उसकी कोई रिश्तेदारी तो नहीं है। इसके अलावा उसके कोई गैंगस्टर या मददगार तो अंचल में नहीं है। पुलिस ने कुछ मोबाइल सर्विलांस पर लिया है।

राजस्थान का आनंद पाल व उप्र का समीर जाट भी आश्रय लेते थे

दिल्ली, उप्र व राजस्थान के गैंगस्टर ग्वालियर व आसपास के अन्य जिलों में पहले भी आश्रय लेते रहे हैं। राजस्थान का इनामी आनंद पाल भी डीडी नगर में फरारी काट चुका है। राजस्थान पुलिस के दबिश देने से पहले वह भाग गया था। उसी के बाद राजस्थान पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ मारा गया था। इसी तरह शूटर समीर जाट भी उप्र पुलिस की कस्टडी में जवानों की हत्या शरण लेने के लिए ग्वालियर आया था। ग्वालियर पुलिस ने उसे मुरैना रोड पर हुए एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके अलावा झांसी का गैंगस्टर सरदार सिंह गुर्जर भी अभी सेंट्रल जेल ग्वालियर में है। उसे इटावा शिफ्ट किया जाना है। इससे स्पष्ट है कि उप्र के गैंगस्टरों के मप्र के ग्वालियर-चंबल रेंज के गैंगस्टरों व मददगारों से गहरे रिश्ते हैं।

कानपुर एडीजी जयनारायण सिंह मेरे बैचमेट हैं। सोमवार की सुबह उनसे बात हुई है। इनामी विकास दुबे की अंतिम लोकेशन औरेया में मिलने के कारण पुलिस को आशंका है कि उप्र पुलिस से बचने के लिए चंबल के सीमावर्ती बीहड़ों में वह शरण ले सकता है। इस संबंध में चंबल रेंज के अधिकारियों से चर्चा करने के बाद दोनों रेंजों की पुलिस अलर्ट है। सीमावर्ती क्षेत्रों में नजर रखी जा रही है। विकास के मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने का कोई इनपुट नहीं है -राजाबाबू सिंह, एडीजीपी ग्वालियर रेंज, मप्र।

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