‘प्लास्टिक बैग’खाएं और सेहत बनाएं

‘प्लास्टिक बैग’ खाएं, सेहत बनाएं..चौंकिए मत! सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर है, लेकिन यह सच है। सेहत के खजाने से भरपूर ऐसे प्लास्टिक बैग को तैयार किया है, गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासू) के डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ स्टॉक प्रोडक्ट टेक्नोलॉजी के प्रमुख डॉ.मनीष चेतली ने।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 12 Apr 2015 09:16 AM (IST) Updated:Sun, 12 Apr 2015 09:57 AM (IST)
‘प्लास्टिक बैग’खाएं और सेहत बनाएं

लुधियाना, [आशा मेहता]। ‘प्लास्टिक बैग’ खाएं, सेहत बनाएं..चौंकिए मत! सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर है, लेकिन यह सच है। सेहत के खजाने से भरपूर ऐसे प्लास्टिक बैग को तैयार किया है, गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासू) के डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ स्टॉक प्रोडक्ट टेक्नोलॉजी के प्रमुख डॉ.मनीष चेतली ने। प्लास्टिक के इस बैग में खाद्य पदार्थ सुरक्षित रखने के साथ-साथ इसे खा भी सकते हैं। यही नहीं खराब होने पर इन बैगों को खाद के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

वैज्ञानिक डॉ. मनीष चेतली ने तीन वर्ष के शोध के बाद आलू व सोयाबीन के छिलके, आलू व चावलों के स्टार्च (चावलों को उबालने के बाद निकलने वाले पानी), कार्न स्टार्च (मक्की के दाने), पनीर कापानी, जिसे पनीर बनाने के बाद आम तौर पर फेंक दिया जाता है और मछली के स्केल्स (शल्क) व स्लाटर हाउस से निकलने वाले वेस्ट ब्लड से शाकाहारी और मांसाहारी बायोडिग्रेडिबेल प्लास्टिक बैग तैयार किए हैं।

डॉ. मनीष का कहना है कि इस तरह के प्लास्टिक बैग देश में पहली बार तैयार किए गए हैं। इस शोध में डॉ. मनीष के साथ रिसर्च फैलो मोहन जयरथ ने भी सहयोग दिया है। इस बैग को दुग्ध उत्पाद, सब्जियां, मांस, मछली जैसे खाद्य पदार्थ रखने के लिए तो इस्तेमाल किया ही जा सकता है, साथ ही इसे भोजन में पका कर खाया भी जा सकता है।

बैग नहीं, पौष्टिक आहार कहिए
डॉ. मनीष ने बताया कि पनीर के पानी से बनाए गए बायोडिग्रेडेबल बैग को पकाकर खाने पर प्रोटीन, सोयाबीन व आलू के छिलके से बने बैग को खाने पर फाइबर व काबरेहाईड्रेट मिलता है। मछली के शल्क को कैमिकल ट्रीटमेंट करने के बाद उबालने पर प्राप्त हुए काइटोसन से बने बैग को पकाकर खाने से फाइबर और प्रोटीन मिलेगा, जबकि स्लाटर हाउस से प्राप्त वेस्ट ब्लड से बने बैग का पकाकर सेवन करने से आयरन व प्रोटीन प्राप्त होगा। इस बैग का इस्तेमाल नहीं करने पर काइटोसन (मछली के शल्क) से बना बैग सात दिन और पनीर, स्टार्च व आलू के छिलके से बना बैग 48 घंटे में खुद-ब-खुद जैविक खाद में बदल जाएगा।

कीमत प्लास्टिक पॉली बैग के बराबर
इस समय बाजार में प्लास्टिक पॉली बैग की एक मीटर की शीट 2.50 रुपये स्क्वेयर मीटर है। एल्युमीनियम फाइल की एक मीटर शीट तीन रुपये की पड़ती है। लेकिन, गडवासू द्वारा स्टार्च से तैयार किए गए बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग शीट दो रुपये की एक मीटर, मछली व ब्लड से बनी शीट 2.75 रुपये, प्रोटीन से बनाई गई प्लास्टिक शीट पांच से छह रुपये प्रति मीटर मिलेगी।

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