हृदयरोग, डायबिटीज या हाई बीपी के मरीजों को कोरोना वायरस का कितना है खतरा, जानें विशेषज्ञ की राय

Coronavirus Outbreak हाल ही में आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च) ने देशभर से कोरोना हेल्पलाइन पर आने वाले प्रश्नों को साझा किया।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 04 Apr 2020 03:25 PM (IST) Updated:Sat, 04 Apr 2020 04:09 PM (IST)
हृदयरोग, डायबिटीज या हाई बीपी के मरीजों को कोरोना वायरस का कितना है खतरा, जानें विशेषज्ञ की राय
हृदयरोग, डायबिटीज या हाई बीपी के मरीजों को कोरोना वायरस का कितना है खतरा, जानें विशेषज्ञ की राय

नई दिल्ली, जेएनएन। Coronavirus Outbreak: सामान्य लोगों के साथ ही मधुमेह यानी डायबिटीज से प्रभावित लोगों के मन में कोरोना संक्रमण को लेकर कई तरह के भ्रम हैं। हाल ही में आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च) ने देशभर से कोरोना हेल्पलाइन पर आने वाले प्रश्नों को साझा किया। जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

क्या हृदयरोग, मधुमेह या उच्च रक्तचाप के मरीजों को कोरोना वायरस का खतरा अधिक है?

नहीं, उपरोक्त किसी भी बीमारी की वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं है। हां, ऐसे मरीजों को चिकित्सकों द्वारा बताई गई दवाओं का नियमित रूप से सेवन करते रहना चाहिए। समय और मौसम के आधार पर चिकित्सक की सलाह पर दवाओं को बदला जा सकता है। सुरक्षित शारीरिक दूरी संबंधी सरकार के नियमों का पालन कर कोरोना संक्रमण से खुद को बचाया जा सकता है।

सांस संबंधी दिक्कत होने पर संक्रमण से कैसे बचा जाएंं?

कोरोना संक्रमण के शुरुआती लक्षण खांसी, गले में खराश और बुखार के होते हैं। ऐसे व्यक्ति जिन्हें पहले से सांस के संक्रमण संबंधी दिक्कत होती है, उन्हें अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर दो से तीन दिन में ही बलगम जैसी खांसी की शिकायत होती है, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करना चाहिए। चूंकि कोरोना वायरस श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है, इसलिए अस्थमा या सीओपीडी के मरीजों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे में घर से बहुत जरूरी हो तभी बाहर निकलें। मुंह पर मास्क लगाएं और श्वसन प्रणाली मजबूत करने के लिए योग का नियमित अभ्यास करें। आहार में नियमित रूप से हरी सब्जियां और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में शामिल करें।

क्या ऐसे में दर्द निवारक दवाओं का सेवन किया जा सकता है?

ऐसा देखा गया है कि दर्द निवारक दवाएं जैसे ब्रूफेन या एस्प्रिन कोविड संक्रमण को बढ़ाने में सहायक होती हैं। दर्द के लिए इस समय किसी बाम या दर्द निवारक तेल का प्रयोग किया जा सकता है लेकिन जब तक बहुत आवश्यक न हो, दवाओं के सेवन से बचना चाहिए। अधिक जरूरी हो तो पैरासिटामॉल ली जा सकती है, जिसे एक सुरक्षित दवा माना गया है। ध्यान रखें कि मधुमेह या अनियंत्रित रक्तचाप के किसी मरीज को इन दिनों बुखार, खांसी, शरीर में दर्द या बीपी की शिकायत होती है, तो उन्हें चिकित्सक की सलाह पर ही किसी तरह की दवा का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही चिकित्सक की सलाह के बिना बीपी की दवाएं नहीं बदलनी चाहिए। घर के वृद्धजनों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कई तरह की बीमारियां एक साथ होने पर कोरोना का असर अधिक दिन तक रहता है, जिसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

(आइसीएमआर की नोडल कम्युनिकेशन अधिकारी डॉ. सीता नायर से बातचीत पर आधारित)

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