डिग्री विवाद पर स्मृति को कोर्ट से लगा झटका, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
केेंद्रीय मानव संसाधान मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित तौर पर गलत जानकारी देने के मामले को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई के लायक मानते हुए स्वीकार कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। तो वहीं
नई दिल्ली। केेंद्रीय मानव संसाधान मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित तौर पर गलत जानकारी देने के मामले को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई के लायक मानते हुए स्वीकार कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। तो वहीं कांग्रेस ने ईरानी के इस्तीफे की मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के इस्तीफे की मांग की है इसके साथ ही कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा है कि जब मामले की पूर्ण जांच ना हो जाए तब तक ईरानी को मंत्री पद पर नहीं रहना चाहिए।
इस मामले में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने स्मृति ईरानी पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने जितेंद्र सिंह तोमर पर कार्रवाई की उसी तरह से भाजपा स्मृति ईरानी पर कार्रवाई करे।
शिकायत स्वतंत्र लेखक अहमर खान ने दायर की है और आरोप लगाया था कि स्मृति ने लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते समय चुनाव आयोग के समक्ष तीन हलफनामे पेश किए थे, जिनमे उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में अलग-अलग ब्योरा दिया है।
खान की ओर से उपस्थित होते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केके मनन ने अदालत को बताया कि अप्रैल 2004 में लोकसभा चुनाव के लिए अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्राचार शिक्षा द्वारा बीए किया, जबकि 11 जुलाई 2011 को गुजरात से राज्यसभा चुनाव के लिए एक अन्य हलफनामे में उन्होंने कहा कि उनकी सर्वोच्च शैक्षणिक योग्यता डीयू के पत्राचार स्कूल से बीकॉम पार्ट वन है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 16 अप्रैल 2014 को उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन के संबंध में अपने हलफनामे में स्मृति ईरानी ने कहा था कि उन्होंने डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से बैचलर ऑफ कॉमर्स पार्ट 1 पूरा किया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि स्मृति ईरानी द्वारा पेश हलफनामे की विषयवस्तु से स्पष्ट है कि उनकी ओर से शैक्षणिक योग्यता के बारे में केवल एक शपथ ही सही है।
शिकायत में दावा किया गया है, स्मृति ईरानी के उक्त हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत और अलग-अलग बयान दिया, ऐसा प्रतीत होता है कि अपने स्वामित्व की अचल संपत्ति एवं अन्य ब्यौरे के बारे में गलत या अलग बयान दिया।
याचिका में आरोप लगाया गया है, उपरोक्त तथ्य और परिस्थितियां आरोपी की ओर से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125ए के तहत अपराध की बात स्पष्ट करती है, साथ ही अतिरिक्त जांच के परिणामस्वरूप अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत अपराध हो सकता है।