टी-90 टैंकों के लिए बारूदी सुरंग हटाने वाले उपकरणों की खरीद का किया गया समझौता

भारत अपनी सैन्य ताकत को और ज्यादा मजबूत करने में लगा हुआ है। भारत अर्थ मूवर्स के साथ रक्षा मंत्रालय ने एक डील साइन की है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Mon, 20 Jul 2020 07:53 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jul 2020 11:52 PM (IST)
टी-90 टैंकों के लिए बारूदी सुरंग हटाने वाले उपकरणों की खरीद का किया गया समझौता
टी-90 टैंकों के लिए बारूदी सुरंग हटाने वाले उपकरणों की खरीद का किया गया समझौता

नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा मंत्रालय ने सरकारी कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) के साथ भारतीय सेना के मुख्य युद्धक टैंक टी-90 के लिए बारूदी सुरंग हटाने वाले 1,512 उपकरण खरीदने का समझौता किया है। इन उपकरणों को 557 करोड़ रुपये की लागत से खरीदा जाएगा और इन्हें टी-90 टैंकों पर लगाया जाएगा।

मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि यह समझौता खरीद और निर्माण (भारतीय) वर्ग में किया गया है। इसके तहत निर्माण में न्यूनतम 50 फीसद स्वदेशी सामग्री के इस्तेमाल का प्रावधान है। इन उपकरणों के टी-90 टैंकों पर लगाए जाने के बाद बारूदी सुरंग वाले इलाकों में उनकी मोबिलिटी में कई गुना वृद्धि होगी और दुश्मन के इलाकों में वे बारूदी सुरंगों का शिकार नहीं बनेंगे। इन उपकरणों के सेना में शामिल करने की प्रक्रिया 2027 तक पूरी करने की योजना है।

दुनिया के अचूक टैंक में शामिल है टी-90 टैंक

टी-90 को दुनिया के सबसे अचूक टैंक में एक माना जाता है। चीन ने एलएसी के पार अपने मुख्य बेस पर बख्तरबंद गाड़ियों के साथ टी-90 टैंक तैनात किए हैं, जो किसी तरह से भीष्म से बेहतर नहीं हैं। टी-90 टैंक शुरू में रूस से ही बनकर आए थे। बाद में इनका उन्नत रूप तैयार किया गया।

यह है भीष्म की खासियत

-एक मिनट में आठ गोले दागने में समर्थ यह टैंक जैविक व रासायनिक हथियारों से निपट सकता है।

-इसका आ‌र्म्ड प्रोटेक्शन दुनिया में बेहतरीन माना जाता है, जो मिसाइल हमला रोक सकता है।

-एक हजार हार्स पावर इंजन की क्षमता वाला यह टैंक दिन और रात में लड़ सकता है।

-छह किमी की दूरी तक मिसाइल भी लांच कर सकता है।

-दुनिया के सबसे हल्के टैंकों में शुमार, वजन सिर्फ 48 टन।

-यह 72 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ सकता है।

-दमचोक और चुशूल की रेतीली व समतल जमीन पर तेज दौड़ने में सक्षम है। 

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